महामारी
कोरोनावायरस के बीच मध्य एशिया के प्रवासी श्रमिक

परिचय ‘प्रवासी’ शब्द का मतलब अक्सर ऐसा व्यक्ति मान लिया जाता है, जो अनचाहा बोझ होता है और देश की अर्थव्यवस्था में जिनका आर्थिक योगदान मुश्किल से ही मापा जाता है। प्रवास और विदेश से देश में आने वाले धन यानी रीमिटंस के बीच संबंध को एक श्रृंखला के तौर...

कोरोना – जैविक युद्ध और अन्य निहितार्थ

कोरोनावायरस की तीव्रता और प्रसार दुनिया के लिए अभूतपूर्व रहा है। इससे पहले की सभी महामारियों का असर या तो छोटे क्षेत्रों पर हुआ था या कुछ ही समय में वे खत्म हो गई थीं। मौतों की बात करें तो 1347 और 1351 के बीच यूरोप में चरम पर पहुंचने वाली ‘ब्लैक डेथ...

कोविड-19 – अफ्रीका होगा जंग का अगला मैदान

कोविड 19 वायरस ने पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया है और विकसित देशों पर इसकी सबसे ज्यादा चोट पड़ी है। इसके खिलाफ युद्धस्तर पर लड़ाई चल रही है और दुनिया भर के नेतृत्व एक साथ आ गए हैं मगर घनी आबादी वाले एक और अहम महाद्वीप में कोरोना की एक और चुनौती...

कोरोनावायरस ने भारत में परिवर्तन को गति दे दी है

जब से भारत में लॉकडाउन की शुरुआत हुई है, तब से सर्वाधिक रूप से कोरोनावायरस चर्चा के केंद्र में रहा है, चाहे वह टीवी हो, इंटरनेट हो या घर की बातचीत हो तरफ इसपर चर्चा हो रही है। निराशावाद और भ्रम की स्थिति है कि महामारी कैसे समाप्त होगी और दुनिया कब...

लॉकडाउन 2.0: ध्यान अर्थव्यवस्था को पुनः आरंभ करने पर होगा

3 मई, 2020 तक लॉकडाउन बढ़ाने के प्रधानमंत्री की घोषणा के साथ ही भारत में कोरोना वायरस महामारी की गहनता और इसकी व्यापकता को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए इसे स्पष्ट किया कि लॉकडाउन सख्त होगा और इसके हॉटस्पॉटों की सावधानीपूर्वक...

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