सीपीपीसीसी के चेयरमैन वांग यांग का तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र का दौरा अहम
Jayadeva Ranade

वांग यांग का22 सदस्य शिष्टमंडल के साथ तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टार) ल्हासा का तीन दिवसीय (18-20 अगस्त 2021) दौरा करना काफी अहम है। यांग पोलित ब्यूरो की स्थाई समिति के सदस्य हैं और चाइनीज पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस( सीपीपीसीसी) के अध्यक्ष हैं। उनका यह दौरा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के जुलाई में हुए दौरे के बाद हुआ है,और दोनों ही दौरों का मिलाजुला इरादा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के नेतृत्व की तिब्बत के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूपांतरण की योजना को पूरी सक्रियता से लागू करना है।

इन प्रस्तावित बदलावों के बारे में संकेत तो मार्च 2021 में हुई नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) में ही दे दिया गया था, जिसे ‘14वीं पंचवर्षीय योजना एवं लांग रेंज प्लान 2030’ के अंतर्गत स्वीकृति दी गई थी। शी जिनपिंग के कार्यभार संभालने के बाद से सीसीपी नेतृत्व द्वारा तिब्बत के उत्थान को काफी महत्व दिया जा रहा है, खासकर पिछले वर्ष से। सेंट्रल पार्टी ऑर्गनाइजेशन और टार के नेतागण अपने कार्यकर्ताओं से प्रस्तावित बदलावों के लिए अभियान तेज करने काआह्वान करते रहे हैं।

सीपीपीसीसी के चेयरमैन वांग यांग 18 अगस्त 2021 को ल्हासा के गोंगगर हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 के नया-नया खोले जाने के दिन ठीक दोपहर बाद वहां पहुंचे थे। उनके साथ का शिष्टमंडल 19 अगस्त 2021 को तथाकथित “ तिब्बत की शांतिपूर्ण आजादी” की 70 वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुए जलसे में भाग लेने आया था। हवाई अड्डे पर उनकी आगवानी करने के लिए टार के पार्टी सचिव वू यिंगजी, टीएआर पीपुल्स कांग्रेस के अध्यक्ष लोबसंग ग्यालत्सेन, टीएआर पीपुल्स गवर्नमेंट के चेयरमैन चे दल्हा भी मौजूद थे। उनके साथ “तिब्बत में जातीय समूह” के लगभग 500 प्रतिनिधि भी आए थे। पीपुल्स डेली ने इस समारोह पर 20 पृष्ठों का विशेष परिशिष्ट भी निकाला था।

पेइचिंग से आने वाले शिष्टमंडल में शामिल थे: पोलित ब्यूरो के सदस्य एवं यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट (यूएफडब्ल्यूडी) के प्रमुख यू कुआन; एनपीसी स्थाई समिति के मौजूदा उपाध्यक्ष और टार पीपुल्स गवर्नमेंट के पूर्व अध्यक्ष पेमा ट्रिनले; सीपीपीसीसी स्थाई समिति के उपाध्यक्ष और टार पार्टी कट्टर पंथी पूर्व सचिव (2006-2011) के झांग किंग्लि; पूर्व कार्यकारी उप मंत्री एवं सातवें ब्यूरो के प्रमुख सिथार, जिन्होंने 2002-2010 में दलाई लामा के दूत से बात करने में अहम भूमिका निभाई थी; और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के राजनीतिक आयुक्त एडमिरल मियाओ हुआ।

18 अगस्त को ल्हासा के हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद टार पार्टी के सचिव वू यिंगजी और टार के सीनियर अधिकारियों ने वांग यांग का स्वागत किया था। उनके पहुंचने के ठीक बाद,शिष्टमंडल ने तिब्बत म्यूजियम में“पार्टी की महानता सीमावर्ती क्षेत्रों एवं तिब्बती पठार पर चमकती है-तिब्बत की शांतिपूर्ण स्वतंत्रता की 70 वीं वर्षगांठ” पर आधारित प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया। उसी दिन शाम को शिष्टमंडल की तिब्बत के अग्रणी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक हुई, जिनमें पेमा ट्रिनले, फाकपा ला गेलेक नामग्याल, लेगचो, पासंग, लोबसंग ग्यालत्सेन, चे दल्हा, वू यिंगजी और नगापोन न्गवांग जिग्मे के परिवार के सदस्य भी शामिल थे।

तिब्बत की आजादी की 70 वीं वर्षगांठ के मौके पर होने वाला आधिकारिक समारोह 10 बजे दिन में पोटला पैलेस स्क्वायर में शुरू हुआ, जिसमेंबड़ी संख्या में आम लोगों के अलावा पार्टी के 20,000कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया था। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 24 अधिकारियों ने भी भाग लिया था, जिनमें 10 महिला अफसर भी शामिल थीं। समारोह में, पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स (पीएपीएफ) के 10 प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की थी।

वांग यांग ने समारोह को संबोधित किया और यूएफडब्ल्यू के प्रमुख यू कुआन ने सीसीपी सेंट्रल कमिटी, एनपीसी, स्टेट काउंसिल, सीपीपीसीसी और सीएमसी की तरफ से शुभकामनाएं संदेश पढ़े। टार पार्टी के सचिव वू यिंगजी, तिब्बती सैन्य क्षेत्र के लेफ्टिनेंट जनरल वांग काई, लोगों के प्रतिनिधि जो सम्प्रति ल्हासा, तेन्जिन में जांगरे समुदाय पड़ोसके निदेशक के रूप में काम करते हैं, और तिब्बत एड कैडर्स के एक प्रतिनिधि एवं शुआंघु कॉंउटी पार्टी कमेटी के उप सचिव, लियांग नान्यू ने भी अपने भाषण दिए। समारोह में टार, तिब्बती सैन्य क्षेत्र, पीएपीएफ मुख्यालय, टार के राजनीतिक एवं कानूनी मामलों के आयोग (पीएलएसी) और बुद्धिस्ट एसोसिएशन ऑफ चाइना की तिब्बती शाखा के चुने गए व्यक्तियों एवं प्रतिनिधियों को वांग यांग ने स्मारक संदेशों एवं पट्टिकाएं भेंट कीं।

सीपीपीसीसी के उपाध्यक्ष फाकपा ला गेलेक नामग्याल और टार पीसीसी के चेयरमैन, और टार के अन्य नेताओं, जैसे टार पीपुल्स कांग्रेस के अध्यक्षलोबसंग ग्यालत्सेन; ल्हासा म्युनिसिपल पार्टी कमेटी के पार्टी सचिवयान जिनहाई; झांग ज़ुएजी, तेनखो, जियांग जी, हे वेन्हाओ, पेमा वांगडुई, लियू जियांग, वांग वेइदोंग, चेन योंगकी, वांग हैझोउ और लेगचो और पासांग जैसे पुराने पार्टी कैडर ने समारोह में भाग लिया। चीन द्वारा नियुक्त किए गए 11 पांचेन लामा ग्याल्त्सेन नोरबु भी मौजूद थे। हालांकि उनका नाम पेइचिंग से आने वाले शिष्टमंडल की सूची में शामिल नहीं किया गया था और तस्वीर भी नहीं लगाई गई थी तो समझा जाता है कि वे अकेले ही समारोह में भाग लेने आए थे। टार पीपुल्स गवर्नमेंट के अध्यक्ष चे दल्हा ने समारोह की अध्यक्षता की थी।

वांग यांग ने 2500शब्दों के अपने भाषण में शी जिनपिंग के नाम का कम से कम सात बार उल्लेख किया था। 19 अगस्त को तथाकथित “तिब्बत की शांतिपूर्ण आजादी” की 70 वीं वर्षगांठ समारोह को संबोधित करते हुए वांग ने जोर देकर कहा कि “चीनी लोगों की मुक्ति एवं चीन के एकीकरण के मकसद से 1951 में तिब्बत की शांति पूर्ण आजादी एक बड़ी जीत थी।” और कहा “इसने तिब्बत के लिए युगांतरकारी महत्त्व के साथ एक ऐतिहासिक परिवर्तन को भी चिह्नित किया है।” दासत्व के पूरी तरह से उन्मूलन का दावा करते हुए,उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में तिब्बत में विभिन्न स्तर पर पीपुल्स कांग्रेस की 35,000 डिप्टियों और 8,000 सीपीपीसीसी के सदस्य की मौजूदगी के साथ, इनमें 90 फीसदी सदस्य जातीय अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं। उन्होंने दावा किया कि “दलाईलामा समूहों एवं बाहरी ताकतों” द्वारा प्रतिबद्ध“अलगाववादी और विध्वंसकारी गतिविधियों को बुरी तरह कुचल दिया गया है।” वांग यांग ने कहा कि तिब्बत में 17 सौ से अधिक मंदिरों के पास जल, बिजली, इंटरनेट, आग से बचाव के उपकरण और अन्य सुविधाएं हैं। टार में सभी 46,000 बौद्ध भिक्षुओं और नन को सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ दिया गया है। उन्होंने “ पारिस्थितिकी सभ्यता के निर्माण के लिए एक राष्ट्रीय प्रदर्शन क्षेत्र” के प्रति अपना समर्थन दोहराया।

वांग यांग ने सरकारी अधिकारियों और टार के सभी जातीय समूहों की जनता से अनुरोध किया कि उन्हें अलगाववादी गतिविधियों के विरुद्ध “लौहे की रक्षा दीवार” बनाने के प्रति लामबंद हो जाना चाहिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि “"चीन में धर्म अपने अभिविन्यास में शुद्ध चीनी हैं और तिब्बती बौद्ध धर्म का खुद से समाजवादी समाज के अनुकूल बनाने में मार्गदर्शन करता है।”और हमें राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव की रक्षा के लिए एक संयुक्त प्रयास में धार्मिक हस्तियों और अपने आस-पास के श्रद्धालुओं को इकट्ठा करना चाहिए।विगत सात दशकों में हुए तिब्बत की विकासों से जाहिर होता है कि एकता और स्थिरता वरदान है, जबकि अव्यवस्था और अलगाववादी गतिविधियां केवल विध्वंस की ओर ले जा सकती हैं। तिब्बत के मामले में दुनिया में किसी को भी हम पर उंगली उठाने का अधिकार नहीं है। चीन से तिब्बत को अलग करने की किसी भी साजिश या प्रयास को विफल होना ही होना है।”.

तिब्बत की संस्कृति को चीन की महान संस्कृति हान से सहमेल कराने की परियोजना का उल्लेख करते हुए वांग यांग ने कहा,“मुख्य धारा के एक समुदाय के रूप में चीनी राष्ट्र की चेतना को गढ़ने के आधार पर राष्ट्रीय एकता और प्रगति के कारणों को बढ़ावा देना आवश्यक है।” वांग यांग ने समझाया कि इसमें“जातीय एकता एवं प्रगति को हाथ में हाथ थामे बढ़ना चाहिए और जनता को जागरूक करने का प्रयास करना,मुख्य सामाजिक मूल्यों, राष्ट्रभक्ति, अलगाववादी गतिविधियों के खिलाफ संघर्ष, प्राचीन और नए तिब्बत में फर्क, और देश के मार्क्सवादी विचारों, इतिहास, जातीयता, संस्कृति और धर्म के बारे में जागरूकता बढ़ाना चाहिए। सभी जातीय समूहों के ऐसे प्रयास हमारी महान मातृभूमि, चीनी राष्ट्र, चीनी संस्कृति, सीपीसी एवं चीनी विशेषताओं के साथ समाजवाद के प्रति उनके विश्वासों को मजबूत करने में सक्षम होगी और इस प्रकार जातीय एकता के लिए चीनी संस्कृति की बुनियाद को मजबूत करेगी।एक साझा सांस्कृतिक पहचान जातीय एकता को आधार देती है, उसे मजबूत करती है।”

इसी थीम के साथ बने रहते हुए वांग ने आगे कहा कि “ मानक चीनी भाषा में बोलने और लिखने का प्रशिक्षण देने के लिए सर्वांगीण प्रयास जारी रहना चाहिए। हमें चीन के सांस्कृतिक प्रतीकों और चीनी राष्ट्र की छवियों का सभी जातीय समूहों में पोषण-संवर्धन करना चाहिए और उन्हें साझा करना चाहिए, और इस तरह से, समूचे चीनी राष्ट्र के लिए एक प्रेरणा-स्रोत का निर्माण करना चाहिए।”

20 अगस्त को, शिष्टमंडलदो समूह में बंट कर नागचू, शिगात्से और ल्होकाके निरीक्षण के लिए ल्हासा से रवाना हुआ। वांग यांग, झांग किंग्लि, मियाओ हुआ और पेइचिंग से आए शिष्टमंडल के कुछ सदस्य नागचू गए और वहां एनिमल हसबेंडरी इंडस्ट्री डेमोंसट्रेशन बेस (ग्रीन हाउस) देखने गया। सेर्नेड चू जिले में काइमा गांव, और हांगजी मिड्ल मिलिट्री स्कूल देखने गए, जिसे 2017 में झेजियांग प्रांत द्वारा 13वीं पंचवर्षीय परियोजना की एकल बड़ी परियोजना के रूप में स्थापित किया गया था और इसमें अभी 2000 से अधिक छात्र पढ़ते हैं। शिष्टमंडल नागचू शहर के पीपुल्स अस्पताल एवं नागचू-यांगबचेन खंड के पेइचिंग-तिब्बत नेशनल एक्सप्रेसवे देखने गया था। टार पार्टी के सचिव वू यिंगजी उनके साथ थे।

यू कुआन, पेमा ट्रिनले और पेइचिंग से आए शिष्टमंडल के बाकी बचे सदस्यों का दूसरा समूह ल्होका और शिगास्ते का दौरा किया। इस समूह के साथ थे टार पीपुल्स कांग्रेस के चेयरमैन लोबसंग गयालत्सेन। ल्होका में प्रतिनिधिमंडल ने न्यदोंग जिले की जातीय हस्त-बुनाई पेशेवर सहकारी समिति, ल्होका सिटी पीपुल्स अस्पताल, ल्होका नंबर 2 में स्थित व्यावसायिक और तकनीकी स्कूलका दौरा किया और ल्होका नगरपालिका पार्टी कमेटी के अधिकारियों एवं स्थानीय लोगों के साथ बैठक की। यह शिष्टमंडल ‘पहले लोकतांत्रिक सुधार गांव के प्रदर्शनी हॉल’ भी देखने गया था। शिगास्ते में, शिष्टमंडल नेसमद्रबत्से जिले में जियांगलू खंगसर समुदाय, और ताशी ल्हुनपो मठ, शंघाई एक्सपेरिमेंटल स्कूल एवं शिगास्ते पीपुल्स हॉस्पीटल का दौरा किया। दिलचस्प है कि इसमें चीन द्वारा नियुक्त 11 पांचेन लामा का ताशी ल्हुनपो मठ में दौरे का जिक्र नहीं किया गया। यह मठ उनकी परंपरागत पीठ है, हालांकि उन्होंने ल्हासा में 19 अगस्त को हुए तिब्बती आजादी की सालगिरह वाले समारोह में उपस्थित थे।

सीपीपीसीसी के अध्यक्ष वांग यांग के भाषण ने आने वाले वर्षों में तिब्बत के लिए सीसीपी की नीति के जारी रहने को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया। उनके भाषण में हान और तिब्बती जातीय समूहों के बीच एकता, उनकी संस्कृति की एकता, तिब्बत में सद्भाव और स्थिरता और सीमाओं की रक्षा और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया था। साथ ही, अलगाववादियों एवं विध्वंसकारी गतिविधियों का एवं दलाई लामा एवं उनके गुट का बार-बार जिक्र करना भी दिलचस्प था। हालांकि वांग यांग ने अपने इसी भाषण में जोर दिया कि अलगाववाद को कुचल दिया गया था। इस संदर्भ में सीसीपी के प्रयासों की निरंतरता का संकेत देना,“राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सामाजिक सद्भाव बनाने के प्रयास में धार्मिक हस्तियों एवं श्रद्धालुओं को अपने आसपास इकट्ठा करना” महत्त्वपूर्ण था।

Translated by Dr Vijay Kumar Sharma(Original Article in English)


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