अतिविषम मौसम की घटनाएं: यह समय जलवायु परिवर्तन के लिए वैश्विक प्रतिक्रियाओं को प्राथमिकता देने का
Heena Samant, Research Associate, VIF

अतिविषम मौसम की घटनाएं पूरी दुनिया को तबाह कर रही हैं। यूरोप से लेकर एशिया, उत्तरी अमेरिका से लेकर अफ्रीका तक उपमहाद्वीप-महाद्वीप सभी के सभी विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में हैं।1 इस साल हुई इन बेहद प्रतिकूल मौसम की घटनाओं की बारम्बारता ने दुनिया के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। इन्हें देख कर लगता है कि इन बहुत खराब मौसम की घटनाओं के बारे में चर्चा करने का समय आ गया है। इन कड़ियों को जोड़ते हुए, इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आइपीसीसी) की ‘क्लाइमेट चेंज 2021: दि फिजिकल साइंस बेसिस’ शीर्षक से हाल ही में एक रिपोर्ट आई है,जो इसके छठी आकलन रिपोर्ट (AR6.) का पहला भाग है। यह रिपोर्ट अपनी प्रमुख टिप्पणियों के लिए दुनिया भर में सुर्खियां बटोर रही है। इसे संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा "मानवता के लिए एक कोड रेड" के रूप में वर्णित किया गया है।2 यह रिपोर्ट वैश्विक जलवायु की वर्तमान स्थिति की समझ देती है और संभावित जलवायु भविष्य के बारे में ज्ञान की स्थिति को भी दुनिया से साझा करती है।3 रिपोर्ट की कुछ प्रमुख टिप्पणियों में से एक में कहा गया है कि "मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन पहले से ही दुनिया भर के हर क्षेत्र में कई मौसम और जलवायु चरम सीमाओं को प्रभावित कर रहा है। गर्मी की लहरों, भारी वर्षा, सूखे और उष्णकटिबंधीय चक्रवातों जैसे चरम सीमाओं में देखे गए परिवर्तनों के ये साक्ष्य, और विशेष रूप से, मानव पर दुष्प्रभाव में उनका योगदान एआर5 के बाद से और मजबूत हुआ है।” 4 "आगे इसका वर्णन करते हुए, रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि हीटवेव सहित गर्म चरम अधिक लगातार और तीव्र हो गए हैं, जबकि ठंडे चरम कम गंभीर और कम लगातार हो गए हैं।5 अगला, यह प्रश्न उठता है कि अतिविषम मौसम की घटना से वास्तव में क्या तात्पर्य है? इसका उत्तर यह है कि, अतिविषम मौसम तब होता है, जब मौसम की घटना औसत और सामान्य मौसम के पैटर्न से काफी अलग होती है।6 मौसम संबंधी चरम घटनाओं में अंग-अंग झुलसा देने वाली उष्ण तरंगें, हाड़ हिला देने वाली शीत लहर, भारी वर्षा, बवंडर, उष्णकटिबंधीय चक्रवात और हहराती बाढ़ शामिल हैं।7

चरम मौसम की ऐसी घटनाओं के बारे में बात करना क्यों जरूरी हो गया है, यह समझने के लिए कि एक उदाहरण महत्वपूर्ण है। जून 2021 के उत्तर पश्चिमी प्रशांत में उठी गर्मी की लहरें इसका अच्छा उदाहरण हो सकती हैं। इस क्षेत्र में जून के अंतिम सप्ताह में उष्ण हवाओं के साथ रिकॉर्ड तोड़ तापमान रहा, जो अब तक का सबसे बुरा अनुभव है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, हीटवेव, या गर्मी और गर्म मौसम जो कई दिनों तक जारी रह सकता है, वह मानव सहित समूचे चराचर जगत पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है, जिसमें गर्मी से होने वाली मौतों में वृद्धि भी शामिल है।8

जून के अंत में, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के उत्तर पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र, विशेष रूप से वाशिंगटन, ओरेगन, इडाहो और ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के कई शहरों ने एक या दो डिग्री का नहीं, बल्कि कई डिग्री के रिकॉर्ड तोड़ तापमान का अनुभव किया था।9 पोर्टलैंड और सिएटल जैसे शहरों में 28 जून 2021 को क्रमशः 46.12 तथा 42.23 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किए गए थे।10 हालांकि, कनाडा के ब्रिटिश कोलंबियाई प्रांत में स्थित एक छोटा सा शहर लिटन विषम तापमान से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था, तब 29 जून 2021 को यहां पारा 49.06 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।11

इसके गंभीर परिणाम हुए। शुरू में इन रिकॉर्ड किए गए उच्च तापमान ने लोगों के स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव डाला, उदाहरण के लिए, अचानक मौतों के मामलों में भारी वृद्धि हुई और गर्मी से संबंधित बीमारियों के कारण अस्पताल के दौरे की संख्या में भी वृद्धि हुई।13 इसके अतिरिक्त, बिजली की कटौती, स्कूलों और व्यवसायों के बंद होने और बिजली के तारों के पिघलने की भी खबरें थीं।14

यह तर्क दिया गया है कि कनाडा के राष्ट्रीय मौसम सेवा, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण कनाडा जैसे संबंधित विभागों और स्थानीय सरकारों ने इस घोर प्रतिकूल मौसम के बारे में समय पर चेतावनी दे दी थी।15 इसके अतिरिक्त, इन सभी शहरों में कूलिंग सेंटर खोले गए और बेघरों को इलेक्ट्रोलाइट्स, भोजन और पानी भी वितरित किया गया।16

हालांकि, यहां उन तीन प्रमुख कारकों की पहचान की जा सकती हैं, जिन्होंने इस घटना को इस क्षेत्र के लिए बेहद खतरनाक बना दिया है:

  • यह क्षेत्र पृथ्वी पर सबसे ठंडे स्थानों में से एक माना जाता है।17
  • इस क्षेत्र में वातानुकूलन की पहुंच भी बहुत कम है।18
  • इन शहरों के अंतर्निहित वातावरण की योजना उनके पहले की अभ्यस्त जलवायु के मुताबिक बनाई गई है, न कि उनके मौजूदा अनुभवों के आधार पर।19

तर्क दिया जाता है कि यह तीव्र गर्मी, एक 'हीट डोम' नामक मौसम की स्थिति के कारण पड़ी है, जो गर्म हवा में फंस जाती है और इसे फैलने नहीं देती है।20 हालांकि, जानकारों के मुताबिक यह मौसम का यह पैटर्न सामान्य से कहीं ज्यादा मजबूत नजर आ रहा है।21 इसके अतिरिक्त, वैज्ञानिक समुदाय ने मौसम के इस दुरूह मिजाज पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त है, जिन्होंने इस विशेष घटना को अत्यधिक असामान्य, असाधारण और अभूतपूर्व बताया है। प्रमुख वैज्ञानिकों में से एक के अनुसार, ऐसा नहीं है कि इस क्षेत्र ने पहले हीटवेव का अनुभव नहीं किया था, लेकिन इस बार जो सबसे अलग लग रहा था, वह इसकी तीव्रता, इसकी प्रकृति, और इसके आंकड़े हैं।22 इन चरम घटनाओं का समय भी एक और महत्वपूर्ण बिंदु है। कहा गया है कि गर्म लहर (हीटवेब) अपने सामान्य समय से बहुत पहले ही आ गई थी।23 पश्चिमी कनाडा में अमूमन जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत में तापमान सबसे गर्म रहता है, लेकिन इस साल जून के अंत में ही भयानक गर्मी आ धमकी थी।24 इसलिए, उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि हीटवेव पहले आ रही हैं, वे लंबे समय तक रहती हैं और उनकी मारक क्षमता काफी तीव्र है।25 अब सवाल उठता है कि ऐसा क्यों हो रहा है? वैज्ञानिकों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन लू और अत्यधिक तापमान को अधिक गंभीर और लगातार बना रहा है।26 वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन इनिशिएटिव द्वारा जुलाई 2021 की शुरुआत में प्रकाशित एक रिपोर्ट के जरिए इसकी पुष्टि की गई। रिपोर्ट द्वारा हाइलाइट किए गए दो महत्वपूर्ण बिंदु हैं-:

  • मानवजनित जलवायु परिवर्तन के बिना क्षेत्र में देखे गए अधिकतम दैनिक तापमान के साथ हीटवेव की घटना 'लगभग असंभव' थी।27
  • मानव प्रेरित जलवायु परिवर्तन के बिना इस प्रकार की एक घटना 1000 साल की घटनाक्रम में कम से कम 150 गुना दुर्लभ होती।28

इन बिंदुओं के अलावा, रिपोर्ट में यह भी भविष्यवाणी की गई है कि जैसे-जैसे पृथ्वी ग्रह का गर्म होना जारी रहेगा, इस प्रकार की घटना बहुत कम होती जाएगी, वह दुर्लभ हो जाएगी।29

यह कई घटनाओं में से सिर्फ एक घटना है, जो इस बात की झलक देती है कि दुनिया का भविष्य कैसा है और क्या है। ऐसा हर अतिविषम या दुर्लभ मौसम लगातार हो रहा है, वह पहले से अधिक गंभीर है और लंबे समय तक जारी रहने वाला है। यह इसका संकेत है कि दुनिया को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। इसमें खास यही है कि जो विशिष्ट मौसम के रूप में परिगणित किया जाता था, वह 'नया सामान्य' होने जा रहा है। रैपिड एट्रिब्यूशन रिपोर्ट में, इस तथ्य पर बहुत जोर दिया गया था कि समाज को एक बहुत ही अलग भविष्य के लिए तैयार करने के लिए मजबूत और अधिक महत्वाकांक्षी अनुकूलन उपायों की आवश्यकता है।30 लोगों को शिक्षित करना और उन्हें बहस का हिस्सा बनाना एक परम आवश्यकता बन गई है। सवाल यह है कि क्या हम ऐसा कर रहे हैं? और यदि कर रहे हैं तो क्या हम पर्याप्त कर रहे हैं?

आइपीसीसी एआर6 की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार,वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की सांद्रता में वृद्धि जारी है और जब तक इन गैसों के उत्सर्जन में गहरी कमी नहीं होती है, तब तक ग्लोबल वार्मिंग 21वीं सदी के दौरान 1.52 डिग्री सेल्सियस और 2 डिग्री सेल्सियस के पार हो जाएगा।31 जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन में भारी कमी लाना महत्वपूर्ण है। तो यहां दिक्कत प्राथमिकता के तय करने को लेकर है। दुनिया के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि जलवायु परिवर्तन उसके अनुमान से कहीं अधिक गंभीर मुद्दा है। पृथ्वी ग्रह ने इस मुद्दे को मानव जाति की प्राथमिकता में शुमार करने के पहले भी पर्याप्त संकेत दिए हैं और वह अब भी दे रहा है। बहरहाल, अब सबकी निगाहें COP26 पर है,जो अक्टूबर 2021 के अंतिम हफ्ते से 12 नवम्बर 2021 तक ब्रिटेन में आयोजित होने जा रहा है। यह सम्मेलन पृथ्वी और इस पर रह रहे लोगों की रक्षा करने की दिशा में एक नई आशा है क्योंकि यह पेरिस समझौते के लक्ष्यों की दिशा में कार्यों में तेजी लाने पर दुनिया का ध्यान केंद्रित करेगा। इस बीच, गर्म हवा की आवृत्ति और उसकी गंभीरता जैसे शब्द जलवायु परिवर्तन के विमर्श पर हावी रहेंगे।

पाद-टिप्पणियां:
  1. किरण पाण्डेय2021. ‘यूरोप टु यूएस टु इंडिया, इट हैज बीन ए वीक ऑफ एक्सट्रीम वेदर इवेंट्स’, डाउन टू अर्थ,[ऑनलाइन] यहां उपलब्ध है: https://www.downtoearth.org.in/news/climate-change/europe-to-us-to-india-it-s-been-a-week-of-extreme-weather-events-78038.
  2. टेक्क2 न्यूज स्टॉफ 2021. ‘ऐट की टेकवेज फ्रॉम दि आइपीसीसी रिपोर्ट दैट प्रोव वी नीड टू पुट इन दि वर्क टु फाइट क्लाइमेट चेंज’, TECH2 फर्स्टपोस्ट, [ऑनलाइन] यहां उपलब्ध है: https://www.firstpost.com/tech/science/eight-key-takeaways-from-the-ipcc-report-that-prove-we-need-to-put-in-the-work-to-fight-climate-change-9883301.html.
  3. इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज 2021.‘क्लाइमेट चेंज 2021: दि फिजिकल साइंस बेसिस’, [ऑनलाइन] यहां उपलब्ध है: https://www.ipcc.ch/report/ar6/wg1/downloads/report/IPCC_AR6_WGI_SPM.pdf.
  4. वही।
  5. वही।
  6. बाइटसाइज। ‘एक्सट्रीम वेदर’, बीबीसी, [ऑनलाइन] यहां उपलब्ध है: https://www.bbc.co.uk/bitesize/guides/zpyp7hv/revision/1. [Accessed July 2021].
  7. क्लाइमेट हब्स। ‘एक्सट्रीम वेदर’, यू.एस. डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर, [ऑनलाइन] यहां उपलब्ध है: https://www.climatehubs.usda.gov/content/extreme-weather.
  8. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन,‘हीटवेव्स’, [ऑनलाइन] यहां उपलब्ध है: https://www.who.int/health-topics/heatwaves#tab=tab_1.
  9. सजौक्जे वाई फिलिप 2021.‘रैपिड एट्रिब्यूशन एनालिसिस ऑफ दि एक्सट्राऑर्डिनरी हीटवेव्स ऑन दि पैसिफिक कोस्ट ऑफ दि य़ूएस एंड कनाडा जून 2021,’ वर्ल्ड वेदर एट्रीब्यूशन, [ऑनलाइन] यहां उपलब्ध है: https://www.worldweatherattribution.org/wp-content/uploads/NW-US-extreme-heat-2021-scientific-report-WWA.pdf.
  10. इंडिया टुडे वेब डेस्क।‘ओवर 200 डेड एज रिकॉर्ड-ब्रेकिंग हीटवेव्स ग्रिप्स कनाडा, यूएस, टेम्परेचर्स सोएर टु 49.5 डिग्रिज सेल्सियस’, इंडिया टुडे, [ऑनलाइन] यहां उपलब्ध है: https://www.indiatoday.in/world/story/heat-wave-canada-us-america-temperatures-soar-dead-1821089-2021-06-30.
  11. नम्बर 10.
  12. गो नार्थवेस्ट [ऑनलाइन] यहां उपलब्ध है: https://www.gonorthwest.com/visitor/about/map.htm.
  13. रायटर्स 2021. ‘डेथस सर्ज इन यूएस एंड कनाडा फ्रॉम वर्स्ट हीटवेव ऑन रिकार्ड’, इंडिया टुडे, [ऑनलाइन] यहां उपलब्ध है: https://www.indiatoday.in/world/story/deaths-surge-us-canada-worst-heatwave-record-1821408-2021-07-01.
  14. वियन 2021। ‘हीटवेव्स मेल्ट्स पॉवर केबल्स, कॉजेज पॉवर आउटरेज्स इन यूएस एंड कनाडा’, [ऑनलाइन] यहां उपलब्ध है: https://www.youtube.com/watch?v=wrKwrc_aEpM.
  15. नम्बर 10.
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  18. वही।
  19. वही।
  20. क्रूक्स 2021। ‘हीटवेव्स किल इन कनाडा एंड यूएस: व्हाट्स कॉजिंग एक्सट्रीम टेम्पेरेचर राइज’, [ऑनलाइन] यहां उपलब्ध है: https://www.youtube.com/watch?v=DHIjyu5p5no.
  21. एजेंस फ्रांस-प्रेस 2021।‘हीट वेव ‘ऑन स्टेरोआइड्स” इन यूएस एंड कनाडा: व्हाट्स कॉजिंग इट’, एनडीटीवी, [ऑनलाइन] यहां उपलब्ध है: https://www.ndtv.com/world-news/canada-us-heat-wave-on-steroids-due-to-climate-change-say-experts-2476517.
  22. नम्बर 18
  23. वही।
  24. वही।
  25. इशान थरूर 2021। ‘इट इज दि क्लाइमेंट चेंज, स्टुपिड’, दि वाशिंगटन पोस्ट, [ऑनलाइन] यहां उपलब्ध है: https://www.washingtonpost.com/world/2021/06/30/climate-change-heat-politics/.
  26. नम्बर 21.
  27. नम्बर10.
  28. वही।
  29. वही।
  30. वही।
  31. नम्बर 3.

Translated by Dr Vijay Kumar Sharma (Original Article in English)


Image Source: https://akm-img-a-in.tosshub.com/indiatoday/images/story/202108/2021-08-05T214151Z_13079202_RC_1200x768.png?O2hXP4H.bkW.xojq8yEy95uzhIia0PaO&size=770:433

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