वियतनाम नेशनल असेंबली (संसद) ने 5 अप्रैल 2021 को आधिकारिक रूप से पोलित ब्यूरो के सदस्य फाम मिन्ह चिन को वियतनाम का प्रधानमंत्री चुन लिया। वह निवर्तमान प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक की जगह लेंगे। नेशनल असेंबली ने सांसदों के प्रचंड बहुमत (466 में से 462 मतों) से समर्थित एक प्रस्ताव के जरिए उनका चुनाव किया।
चौगुट शासन के चार मुख्य पदों के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया में गुयेन फु त्रोंग को तीसरी बार वियतनाम कम्युनिस्ट पार्टी का महासचिव पहली अप्रैल 2021 को चुना गया। पूर्व प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक को नया राष्ट्रपति नियुक्त किया गया और हनोई की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख वुंग दीन्ह ह्वे को वियतनाम नेशनल असेंबली (वियतनाम संसद) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वियतनाम के सर्वोच्च चौगुट यानी चार पदों के लिए चुने गए ये नेता भिन्न पृष्ठभूमि और व्यापक अनुभव वाले हैं। त्रुंग को वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के संचालन और अध्यक्षीय दायित्वों के निर्वहन का भी अच्छा खासा अनुभव है, जबकि नए राष्ट्रपति फुक 5 साल के प्रधानमंत्रित्वकाल के अनुभवों से समृद्ध हैं। इसके अलावा, त्रोंग और फुक दोनों ही नये और पुराने प्रशासन के बीच एक संपर्क सेतु का काम करेंगे। इस तरह वे पुराने और नए की बीच अपनी बुद्धिमत्ता और अनुभव से निरंतरता की मात्रा सुनिश्चित करेंगे जबकि नए प्रधानमंत्री चिन और नेशनल असेंबली के अध्यक्ष ह्वे के उत्साह और अभिनव दृष्टिकोण को आत्मसात करेंगे। यद्यपि वियतनाम के इस बदले नेतृत्व से अपेक्षा की जाती है कि वह अपनी बहु-दिशात्मक विदेश एवं सुरक्षा नीतियों पर दृढ़ रहते हुए खुली आर्थिक नीतियों को जारी रखेगा। नई सरकार की स्थापना का वियतनाम के क्षेत्रीय और वैश्विक देशों के साथ मौजूदा संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा या अंतर क्षेत्रीय या अंतरराष्ट्रीय समूह संगठनों की वार्ता पर नहीं पड़ेगा।
प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन जो पहले पार्टी की सेंट्रल संगठन कमेटी के अध्यक्ष और पब्लिक सिक्योरिटी मंत्री भी रहे हैं, वे अपनी प्रशासनिक दक्षता और सांगठनिक कामकाज के लिए जाने जाते हैं। क्वांग निन्ह प्रोविंशियल पार्टी कमेटी के सचिव के रूप में प्रांत के सभी कामकाज के प्रबंधन और प्रशासनिक ढांचे में सुधार के संवाहक रहे थे। इसके अलावा, उन्हें अपने प्रांत को देश के सर्वोच्च तीन प्रांतों में शुमार करने का भी गौरव प्राप्त है। हालांकि, क्वांग निन्ह प्रतियोगितात्मक सूचकांक में सर्वोच्च स्थान पर बाद में पहुंचा, जो सामाजिक-आर्थिक विकास में सुधार के उपायों में एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण अवयव है। क्वांग निन्ह प्रांत की यह उपलब्धि उनके कार्यकाल के दौरान किये गये व्यापक योगदान का नतीजा है। इसके अलावा, उन्होंने पर्यावरण के मामलों में दिलचस्पी लेना शुरू किया और क्वांग निन्ह को ‘ब्राउन इकोनॉमी’ से ‘ग्रीन इकोनामी’ में बदलने का श्रेय उन्हीं को जाता है। इस तरह वे केवल एक तकनीकविद ही नहीं बल्कि एक प्रभावकारी नेता भी हैं।
प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन के कार्य और प्राथमिकताएं पार्टी की13वीं कांग्रेस के प्रस्ताव में पहले ही रखी जा चुकी हैं। इसमें छह अहम कार्यों और तीन रणनीतिक भेदन मामलों पर फोकस किया गया है, जिनमें राष्ट्रीय डिजिटल रूपांतरण, डिजिटल आधारित अर्थव्यवस्था का विकास, विज्ञान-प्रौद्योगिकी के विकास पर अत्यधिक जोर और कारोबार-विकास के लिए अधिकाधिक अनुकूल वातावरण का निर्माण तथा विनिर्माण के मुद्दे शामिल हैं। राष्ट्रीय रक्षा, सुरक्षा, संप्रभुता, भौगोलिक अखंडता को सुनिश्चित करते हुए उनके दिमाग में सामाजिक अनुक्रम और सुरक्षा काम सर्वोच्च होगा क्योंकि वह दक्षिण चीन सागर में एक अनिश्चित और अस्थिर स्थिति का सामना कर रहे हैं।
इसके पहले प्रधानमंत्री गुयेन फुक के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल के दौरान वियतनामी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में उसकी स्थिति और हैसियत बढ़ाने के मामले में काफी प्रगति हासिल की गई है। यह सब कोविड-19 के नकारात्मक प्रभाव के बावजूद संभव हुआ है। उसे न केवल वियतनामी अर्थव्यवस्था में कामयाबी मिली है बल्कि क्षेत्रीय और दुनिया के स्तर पर भी सफलता मिली है। हाल के वर्षों में वियतनाम की अर्थव्यवस्था 2018 में 7.08 फ़ीसदी की वृद्धि दर के साथ दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्र में सबसे तेज विकसित होने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो गई है। इसका प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2018 में 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसमें इसके पहले की वर्ष की तुलना में 44 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। कोविड-19 वैश्विक महामारी के शुरुआती साल 2020 में वियतनाम अपने सक्षम और प्रभावी उपायों के चलते इस महामारी का दुष्प्रभाव अपनी अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ने दिया था जबकि वह विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ अपनी इकोनामी का विकास जारी रखा था। जनरल स्टैटिसटिक्स ऑफिस (जीएसओ) के मुताबिक 2020 में वियतनाम की अर्थव्यवस्था में 19 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सरप्लस कारोबार के साथ 2.91 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। जबकि अनेक क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाएं अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में नकारात्मक प्रभावों को ही दर्शा रही थीं।
नए प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन के लिए सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण काम होगा अगले 5 सालों के लिए सुदृढ़ बुनियाद डालना जिसके आधार पर वियतनाम खुद को एक पूरी तरह विकसित अर्थव्यवस्था के साथ दक्षिण कोरिया, जापान और पश्चिमी देशों के जैसे एक अत्याधुनिक देश बन सकता है। वियतनाम राजनीतिक नेतृत्व के दृष्टिकोण से निर्देशित एक उपयुक्त आर्थिक और सामाजिक विकासात्मक नीतियों को अपनाकर अगले दो-तीन दशकों में उन लक्ष्यों तक पहुंचने की आकांक्षा कर सकता है। वर्तमान वर्ष 2021 अगली पंचवर्षीय आर्थिक-सामाजिक विकास योजना (2021-2025) और 10 वर्षीय (2021-2030) आर्थिक और सामाजिक विकास कार्यनीति के प्रारंभ का वर्ष है। ऐसे में नये राजनीतिक नेतृत्व का काम होगा योजना और कार्यनीतिक कर्तव्यों का दूरदर्शिता तथा नवाचार के साथ सफलतापूर्वक क्रियान्वयन।
इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वियतनाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अप्रैल 2021 में चेयरमैन बन गया है और यह दूसरी बार है, जब वियतनाम अपने दो वर्ष के (2020-2021) के कार्यकाल के लिए चेयरमैन बना है। इसने वियतनाम को वैश्विक स्तर पर शांति, स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देने एवं क्षेत्रीय मामलों और फिर इसे विश्व के साथ एकीकृत करने में योगदान के लिए सक्षम बनाया है। वियतनाम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ अपने व्यवहार में बहुपक्षीयता और वैविध्यपूर्ण विदेश नीति के पक्ष में है। 2020 में आसियान के अध्यक्ष के रूप में भी वियतनाम को अपने योगदान के लिए जाना जाता है, जबकि कोरोना वैश्विक महामारी ने आसियान समुदाय को कई तरीकों से ग्रसित कर लिया था। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ अपने एकीकरण के हिस्से के रूप में इसने अनेक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) किये, मसलन यूरोपीय यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौता, प्रशांत पार के देशों के लिए समग्र एवं प्रगतिशील समझौता (सीपीटीपीपी) और क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) समझौता आदि।
जहां तक भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों का सवाल है, नये वियतनामी नेतृत्व से अपेक्षा की जाती है कि वह भारत के साथ सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में अपने परम्परागत और मजबूत संबंध जारी रखेगा। पूर्व प्रधानमंत्री और अब मौजूदा राष्ट्रपति युआन फुक भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अनेक शीर्ष बैठकें कर चुके हैं। समग्र रणनीतिक साझेदारी समझौते पर 2016 में दस्तखत के बाद द्विपक्षीय संबंध में विस्तार आया है, जिसमें राजनीतिक संबंध, आर्थिक सहयोग, और कारोबार का विस्तार, रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग, ऊर्जा सहयोग के साथ लोगों का लोगों से सम्पर्क जैसे विषय शामिल किये गये हैं। अब नये राष्ट्रपति फुक अपने प्रधानमंत्री चिन के सहमेल से बढ़ते द्वपक्षीय संबंधों को और विकसित करने में सक्षम होंगे। क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के बदलते वातावरण को ध्यान में रखते हुए भारत और वियतनाम को अपने द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग में और विस्तार करने की आवश्यकता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य होने की वजह से भारत और वियतनाम दोनों ही देश क्षेत्रीय एवं वैश्विक मसलों से निबटते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति, सुरक्षा और समृद्धि में अपना सहयोग एवं योगदान दे सकते हैं। इसके अलावा, भारत और वियतनाम आसियान जैसे क्षेत्रीय संगठनों में सहयोग करते रहे हैं और ऐसे संगठन के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को समझते हैं। भारत औऱ वियतनाम दोनों ही दक्षिण चीन सागर में हो रही घटनाओं के बारे में समान अवधारणा रखते हैं। वहां प्रायद्वीपों एवं भीत्तियों का सैन्यीकरण किया गया है। भारत अन्य ताकतों के साथ मिल कर दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में जहाजों की मुक्त आवाजाही और इसके आकाश होकर विमानों की मुक्त उड़ानें सुनिश्चित करने एवं अंतरराष्ट्रीय नियम-कायदों के पालन के लिए अपना समर्थन जारी रखने की बात कही है।
कुल मिला कर, वियतनाम के नये नेतृत्व में पुराना और नवीन के संगम होने के कारण उससे यह अपेक्षा की जाती है कि वह राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक विकास और सुरक्षा के क्षेत्र में अब तक हुई प्रगति को और गति देने का प्रयास करेगा, जैसा कि उसने अपनी पंच एवं दस वर्षीय योजनाओं के लक्ष्यों एवं उददेश्यों में अनुभूत करने का प्रयास किया है। विगत के उसके रिकार्ड और उपलब्धियों को देखते हुए यह आसानी से कहा जा सकता है कि वियतनाम का नया नेतृत्व नये युग की चुनौतियों से निबटने में पूरी तरह सक्षम होगा।
Translated by Dr Vijay Kumar Sharma (Original Article in English)
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