भारत- सेशल्स की रक्षा कूटनीति हिंदमहासागर में संतुलन का माध्यम
Lokesh Kumar

सेशल्‍स 115 द्वीपों के द्वीपसमूह का देश है I भारत और सेशल्स के बीच के समकालीन रिश्‍तों प्राचीन काल से ही मधुर रहे है इसमें दोनो देशो के बीच व्‍यापार, ट्रेनिंग, टेक्‍नोलॉजी, धार्मिक, संस्किरितिक विचारो के आदान-प्रदान ने मुख्य भूमिका निभाई है | परन्तु इन दोनों देश के बीच के द्विपक्षीय संबंधो को नया आयाम भारतीय प्रधान मंत्री नरेन्‍द्र मोदी जी की हिंद महासागर के समुद्रतटीय देशों की तीन देशों की यात्रा (10-14 मार्च 2015) ने दिया, जिसमे उन्होंने मारीशस, श्रीलंका की यात्रा तुलना में सेशेल्‍स को अपने पहले गंतव्‍य स्‍थान के रूप में चुना था । यह एक शानदार राजनयिक भ्रमण था जिसमे में की ऐसा पहली बार हो रहा है भारतीय प्रधानमंत्री ने कूटनीतिक-रणनीतिक समीकरणों की दृष्टि से हिंद महासागर में अपनी प्रमुखता बढ़ने के लिए इस देश का दौरा किया था ।सेशेल्‍स का यह प्रधान मंत्री मोदी का दौरा कोई नया नहीं है इससे पूर्व में कई राष्‍ट्रपतियों तथा अन्य राजनयको ने इस अफ्रीकी समुद्र-तटीय राष्‍ट्र का भ्रमण किया है, पिछली बार राष्‍ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने साल 2012 में सेशेल्‍स का भ्रमण किया था परन्तु, लगभग तीन दशकों से अधिक के अंतराल के बाद रणनीतिक दृष्टि से अत्‍यन्‍त महत्‍वपूर्ण प्रधान मंत्री स्‍तर का प्रथम दौरा होगा। श्रीमती इंदिरा गांधी जी वह पिछली भारतीय प्रधान मंत्री थीं जिन्‍होंने 1981 में दौरा किया था।

भारत और सेशल्स के व्यापारिक सम्बन्ध एतिहासिक काल से ही मधुर रहे | दोनों देशो के बीच में व्यापारिक हितो बढ़ावा देने में भारतीय कम्‍पनियों ने बहुत बड़ा योगदन दिया है, बैंक ऑफ बड़ौदा यहाँ सन 1978 से ही सक्रिय रूप से काम कर रहा है। पोलारिस साफ्टवेयर लैब ऑफ इंडिया ने सेशेल्‍स में बैंकिंग सेवाओं के विकास में और बैंकिंग क्षेत्र मको समाज के निम्न स्तर तक पहुचने में योगदान दिया है। इसके अतिरिक्त माहे द्वीप के अन्‍य इलाकों में चलने वाली बसों में टाटा की बसों ने अपनी एक अलग पहचान बना ली है। अशोक लीलैंड की अत्‍याधुनिक बसें और भारती एयरटेल द्वारा 4जी मोबाइल नेटवर्क की शुरुआत और विभिन्न क्षेत्रो में भारत के सहयोग ने इस द्वीपीय देश से संबंधो बढ़ने में मुख्य भूमिका निभाई है । भारत ने साल 2012 में सेशेल्‍स सरकार को 50 मिलियन यूएस डालर ऋण के रूप में अनुदान दिया। भारत के फ्लैगशिप आईटीईसी प्रोग्राम के तहत एक सेतु निर्माण कार्य किया है और नागरिक, रक्षा और अन्‍य क्षेत्रों में लगभग 1000 सेशेल्‍सवासियों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है। सेशेल्‍स के विक्‍टोरिया हॉस्पिटल को पैन-अफ्रीकन सेटेलाइट टेली-मेडिसीन सिस्‍टम के अंतर्गत भारत के प्रमुख अस्‍पतालों से साथ जोड़ा है। भारत सरकार ने यहाँ द्वारा शुरू की नई पहलों में सोलर फार्मों की स्‍थापना करने और सेशेल्‍स के पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करने में सहायता प्रदान कि हैं। सेशेल्‍स के राष्‍ट्रपति जेम्‍स एलिक्‍स मिचेल कहते हैं, ''सेशेल्‍स की आजादी के समय से भारत हमारा विश्‍वासी दोस्‍त और भागीदार रहा है। हम एक ही महासागर पर बसते हैं और हमारी सांस्‍कृतिक विरासत एक दूसरे के निकट है। भारत ने हमारे विकास में, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, मैनपावर प्रशिक्षण, और सुरक्षा मामलों में हमारी सहायता की है।''

इस द्विपक्षीय संबंधो को प्रगाढ़ करने के लिए भारत ने सेशल्स के रक्षा क्षेत्र में ध्यान केन्द्रित किया इसके ही परिणामस्वरूप भारत का इस क्षेत्र में रक्षा और सामुद्रिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने का एजेंडा प्राथमिकता स्तर पर रहा है। क्यूंकि इस में क्षेत्र समुद्री डाकुओं की भरमार रही है, इस कारणवश सामुद्रिक व्यापार जो हिन्दमहासागर के इस क्षेत्र में होता है वो बड़े पैमाने पर प्रभावित होता, जो की कहीं न कहीं भारत की जो हिन्दमहासागर के प्रति कूटनीति रही है उसको प्रभावित करता है | इसके ही परिणामस्वरूप ही भारत ने सेशेल्‍स की पीपुल्‍स क्डिफेंस फोर्सेज (एसपीडीए फ) की क्षमता को सुदृढ़ करने में सक्रिय भूमिका निभाई है । भारत ने वर्ष 2014 में सेशेल्‍स के जल सीमा क्षेत्र, जो कि 1.3 मिलियन वर्ग किलोमीटर से अधिक के विस्‍तृत अनन्‍य आर्थिक क्षेत्र (ई ई जेड) को समेटे हुआ है, में निगरानी और गश्‍त करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए सेशेल्‍स को नौसेना जहाज, आईएनएस तरासा को दान में दिया है जिसको कि सेशेल्‍स कोस्‍ट गार्ड के बेड़े में ‘पीएस कान्‍स्‍टैंट’' के रूप में शामिल किया गया। यह भारत के द्वारा 2006 में पीएस टोपाज के बाद सेशेल्‍स को उपहास्‍वरूप दिया जाने वाला दूसरा भारतीय नौसैनिक जहाज है। भारत इसके साथ-साथ सेशेल्स के एसपीडीएफ के वरिष्‍ठ अधिकारियों को अपने सैन्‍य अकादमियों में प्रशिक्षण भी प्रदान करता है साल 2013 में, भारत ने सेशेल्‍स के एक्‍सक्‍लूसिव इकोनोमिक जोन की आतंकवाद और समुद्री डकैती से रक्षा करने के लिए सेशेल्‍स को एक डोर्नियर-228 समुद्री खोजी विमान भी भेंटस्‍वरूप में दिया था ।

भारत और सेशल्स के बीच संबंधो को मधुर करने में दोनों देशो के बीच में होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास का बहुत बड़ा योगदान रहा है जो कि साल 2001 से प्रारम्भ हुआ था । इसका मुख्य उदेश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच सैन्य सहयोग और अंतर-क्षमता को बढावा देना था । इसके अतिरिक्त सैन्‍य सहयोग के क्षेत्र में बेहतर तालमेल और आपसी सहयोग को बढ़ावा देकर सामरिक दृष्टि से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान इस क्षेत्र में शांति और सामरिक संतुलन को बढावा देना था | यूएन चार्टर के तहत होने वाला यह सैन्य अभ्‍यास अर्द्ध शहरी इलाकों में आतंकवाद विरोधी आपरेशनों का संचालन करना है। इस सैन्य अभ्यास के तहत हाल ही में भारत और सेशल्‍स के बीच आठवां संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास किया गया है। जिसमे कि भारतीय उच्चायुक्त डॉ औसफ सईद और सेशेल्स लोक सुरक्षा बल के उप प्रमुख कर्नल क्लिफोर्ड रोजलिन शामिल हुए। इस सैन्य अभ्याश को लैमिटी नाम दिया गया है जिसका अर्थ सेशेल्स की स्थानीय भाषा में क्रियोल अर्तार्थ दोस्ती होता है । यह अभ्यास दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय अभ्यासों की श्रृंखला की ये आठवीं कड़ी है जो की मार्चके प्रथम सप्ताह में नौ दिनों के कार्यक्रम के रूप में प्रारम्भ हुआ जिसमे सेशल्स पीपुल्स डिफेंस फोर्स के विशेष बल यूनिट, तटरक्षक बल और वायु सेना के लगभग 52 कर्मचारियों ने और भारत कि दक्षिणी कमान कि सेना कुछ जवानों ने मिल कर सैन्य अभ्यास किया ।

हिंद महासागर में निरंतर दिनों -दिन सामने आते सामुद्रिक कुटनीतिक बदलाव के बीच में भारत को अपने और इस पुरे क्षेत्र के कुटनीतिक हित की दृष्टि से सेशेल्‍स के महत्‍व को नकारन सही नहीं हो सकता। यूएस के हवाई एवं नौसेना बेस, डिएगो गार्सिया के पूरब में केवल 600 मील की दूरी पर स्थित हिंद महासागर द्वीपपुंज भू-राजनीतिक प्रतिस्‍पर्धा का केन्‍द्र बनता जा रहा है और यह सोमाली जल-दस्‍युओं के हमलों के प्रति अरक्षित है। साल 2010 में सेशेल्‍स के राष्‍ट्रपति जेम्‍स एलेक्‍स मिचेल ने अपने दौरे के दौरान निरंतर मजबूत होती भारत-सेशेल्‍स भागीदारी की मूल भावना को अभिव्‍यक्‍त करते हुए कहा था कि ''भारत वह पहला देश है जिसने समुद्री डकैती के विरुद्ध लड़ाई में सेशेल्‍स की मदद की। हम भारत के लोगों और सरकार के सतत समर्थन के लिए उनकी दिल से सराहना करते हैं। भारत हमारा आदर्श पार्टनर है। हमें अपने देशों और अपने लोगों को एक साथ जोड़ने के लिए सेतुओं का निर्माण करने की जरूरत है।'' सेशेल्‍स ने यूएन सुरक्षा परिषद में किए जाने वाले सुधारों की दृष्टि से इसमें स्‍थायी सीट के लिए भारत की उम्‍मीदवारी का भी निरंतर समर्थन किया है। रणनीतिक और आर्थिक हितों के एक समान होने की इस पृष्‍ठभूमि में भारत को चाहिए की वह इस प्रमुख हिंद महासागरीय देश के साथ द्विपक्षीय रिश्‍तों को ओर तरजीह दी ताकि चीन की इस क्षेत्र में बढती भूमिका को रोका जा सके ताकि भारत का हिंदमहासागर में जो प्रभाव है वह बना रहे |

(लोकेश कुमार: शोधार्थी - अफ्रीका अध्ययन विभाग दिल्ली विश्वविध्यालय)

Refrencecs:

https://en.wikipedia.org/wiki/India%E2%80%93Seychelles_relations
https://www.thehindubusinessline.com/economy/President-arrives-in-Seychelles-on-a-2-day-visit/article20427636.ece
http://www.mea.gov.in/Portal/ForeignRelation/sey_dec.pdf
https://thediplomat.com/2015/08/india-and-seychelles-strengthen-ties-around-maritime-security-economic-cooperation/
http://www.livemint.com/Politics/tDl7vALaxV5B34evw5jsHI/India-Seychelles-sign-revised-agreement-for-development-of.html
http://www.firstpost.com/politics/india-strenghtens-political-relations-to-develop-infrastructure-in-mauritius-seychelles-2150389.html
http://www.indiawrites.org/tag/india-seychelles-relations/

(ये लेखक के निजी विचार हैं और वीआईएफ का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है)


Image Source: http://ontheworldmap.com/seychelles/large-detailed-tourist-map-of-seychelles-with-hotels.jpg

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