पहले ही चीन के किसी अन्य वामपंथी दल के नेता की तुलना में अधिक और लगभग चौदह औपचारिक पद सँभालते हुए सीसीपी सीसी महासचिव शी जिनपिंग, जैसी की उम्मीद की जा रही थी, उससे भी कई गुना ज्यादा शक्तिशाली रूप से सामने उभर कर आये है. भ्रष्टाचार-विरोधी अभियान का कुशल इस्तेमाल करते हुए उन्होंने पार्टी और सेना से विपक्ष को लगभग साफ़ ही कर दिया है और जियांग जेमिन जैसे विरोधी को हटा कर, अपना वर्चस्व बेहद प्रभावी रूप से जमा लिया है. 2017 में सरकारी चीनी मीडिया ने यह बयान जारी किये थे कि लगभग 176 सीसीपी कैडर जिनमे कि उप-मंत्री जैसे कई ऊंचे पद भी शामिल है, पर स्थित नेताओ को भ्रष्टाचार के आरोप में अपने पद से इस्तीफा देने के बाद गिरफ्तार किया गया. ऐसा ही कुछ पीपल्स लिबरेशन आर्मी के 14,000 से अधिक अधिकारीयों के साथ किया गया. पीएलए में उच्च पदों पर विराजमान लगभग 120 अधिकारीयों को निलंबित अथवा सेवा-निवृत किया गया.
कांग्रेस से कुछ हफ़्तों पहले- शी जिनपिंग ने अपने पद और अधिकार का सार्वजनिक प्रदर्शन करते हुए शीर्ष रैंक के दो जनरलों (फेंग फेंगुई और जहाँग येंग) को गिरफ्तार करवाया. इसके साथ ही उन्होंने बीस नये जनरल अधिकारियों को तेरह नये सैन्य-समूह के नेतृत्व की कमान सौपी और पीएलए नौसेना एवं थल सेना में निजी चुनाव के आधार पर व्यक्तियों को शीर्ष पदों पर भर्ती किया गया. एक दुर्लभ कदम उठाते हुए, चोंगकिंग नगरपालिका द्वारा प्रस्तावित तेरह सदस्यों की सूची को पूरी तरह जिनपिंग ने नकार दिया जिससे प्रतिनिधियों की कुल संख्या घटकर 2287 ही रह गयी है. कांग्रेस के गठन से कुछ समय पूर्व अन्य सात लोगों को भी निलंबित कर दिया गया. पोलिटब्यूरो सदस्य और चोंगकिंग पार्टी के सचिव सुन ज़्हेन्ग्का्य ने पोलितब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी के लिए एक प्रत्याशी का चुनाव भी किया था जिसे कुछ आरोपों के चलते निष्काषित कर दिया गया. फरवरी में ही प्रत्याशी को कैद में रहे पूर्व सदस्य बो शिलाई की लोकप्रियता को कम करने के लिए गंभीर प्रयास न करने के संदर्भ में चेतावनी दी गयी गयी थी.
शी जिनपिंग नवम्बर 2012 से खुद को उभारने के प्रयास लगातार कर रहे है. उदारहण के लिए, पीपल्स डेली जियांग जेमिन के कार्यकाल में उनको केंद्र में रखते हुए लगभग 3000 खबर प्रति वर्ष छापता था. हु जिंताओ के कार्यकाल में यही आंकड़ा 2000 खबर प्रति-वर्ष पहुँचा और आज शी जिनपिंग के कार्यकाल में ये लगभग 5000 खबर प्रति वर्ष पहले ही छापता है जिनमे शी जिनपिंग का जिक्र होता है.
बीजिंग में हफ्ते भर तक चलने वाली सीसीपी की 19वीं कांग्रेस (8 अक्टूबर-24 अक्टूबर 2017) के दौरान भी शी जिनपिंग को चीनी वामपंथी विचारधारा में उनके योगदान के लिए सराहा गया. ‘नये दौर में चीनी विशेषताओं से परिपूर्ण शी जिनपिंग के समाजवाद पर विचार’ को कांग्रेस द्वारा सर्वसम्मति से पार्टी के नये संविधान में सम्मिलित कर लिया गया. वे पहले ऐसे नेता है जिन्होंने अपने जीवनकाल में ही पार्टी के समिधान में अपने विचार स्वीकृत करवाए है. इससे वे सीधे तौर पर माओ ज़ेडोंग और डेंग शिओपिंग के बाद विचारकों की सूची में शामिल हो गये है. चीनी मीडिया में भी सुर्ख़ियों में ‘शी जिनपिंग विचार’ शामिल हो चुका है.
शी जिनपिंग की मंशा किस प्रकार से ‘चीनी क्रांतिकारी वामपंथियों की श्रेणी में शामिल होने कि थी इसका अंदाज़ा उसी वक़्त मिल गया था जब जून 2014 के दौरान उन्होंने पार्टी के सैद्धांतिक मुख्यपत्र ‘कुई शी’ (सच की खोज) में उन्हें ‘चीन के सबसे महान वामपंथी नेताओ’ में से एक कहा गया था, जिन्होंने ‘नई सोच, नये विचार और नये निष्कर्ष’ दिए. जून 2017 में शी जिनपिंग के विचारों को पार्टी के संविधान में सम्मिलित करने कि पहल शुरू हुई थी. सीसीपी के आधिकारिक मुख्यपत्र ‘पीपल्स डेली’ के विदेशी सोशल मीडिया हैंडल्स पर यह खुलासा हुआ की सीसीपी की केंद्र कमिटी (सी सी ) के निदेशक ली जहंशु ने यह ऐलान किया की राष्ट्रपति शी जिनपिंग की राजनैतिक विचारधारा लगभग परिपूर्ण है. उनके द्वारा कई भाषणों में शी जिनपिंग की राजनैतिक बुद्धिमता की प्रशंसा भी कि गयी. 19वीं पार्टी कांग्रेस के दौरान 31 प्रान्त व् अन्य संगठनों के पार्टी सचिवों ने ‘पीपल्स डेली’ के लिए हस्ताक्षर समेत कई लेख भी लिखे.
19वीं पार्टी कांग्रेस में शी जिनपिंग के कई वफादारों की नियुक्ति, जो आज पीबीएससी, पीबी, सीसीपी, सीसी सचिवालय एवं सीएमसी में बहुमत में है, यह ज़ाहिर करती है कि शी जिनपिंग ने जिस अधिकार और प्रभाव की उम्मीद की थी वे आज उसे हाँसिल कर चुके है. इसी संदर्भ में यह कहना गलत नही होगा कि चीनी मीडिया द्वारा, 19वीं कांग्रेस संपन्न होने के कुछ हफ़्तों पहले से इस बात पर बेहद जोर दिया जा रहा था कि किस तरह भ्रष्टाचार-विरोधी-अभियान चीन में बेहद सफल रहा. साथ ही कांग्रेस के दौरान ही चीनी सुरक्षा नियामक आयोग (चाइना सिक्यूरिटी रेगुलेटरी कमिशन) के अध्यक्ष लियु शियु का यह बयान देना कि “ शी जिनपिंग ने भ्रष्टाचार में लिप्त उच्च-अधिकारी, जो की पार्टी द्वारा दी गयी शक्ति का दुरूपयोग सत्ता के लिए करते है, उनको निलंबित करके समाजवाद का संरक्षण किया है.” और शी जिनपिंग को ‘वामपंथियों के रक्षक’ शीर्षक से नवाजना अपने आप में एक पुष्टि है. लियु शियु को बढ़ावा देते हुए सीसीपी सिसी बना दिया गया.
पीबीएससी में शामिल नये नेताओ की भागेदारी काफी रोचक है जिनकी संख्या अभी सात ही है. नये पीबीएससी के गठन होने के तरीके से यह साफ़ है की शी जिनपिंग ने पार्टी के अनौपचारिक नियमो का पालन किया है और वरिष्ठ नेताओ की सेवा-निवृति के नियमों में काफी छूट रखी है. साथ ही उन्होंने पार्टी में नौजवानों को शामिल करने को लेकर ढीला रुख अपनाया है जो भविष्य में उनके वारिस बन सकते है. इस तरह अगली पीबीएससी में नवीनीकरण की सम्भावना अब शी जिनपिंग एवं ली केकुइंग के वारिस के तौर पर पार्टी के कई युवाओं के लिए छोड़ दी गयी है. साथ ही सम्भावना ये भी है कि शी जिनपिंग दफ्तर में बने रह सकते है जैसा कि उनके कई साथी 2013 से लगातार कह रहे है. चीन अब माओ ज़ेडोंग और डेंग शिओपिंग जैसे ही नये-तीस-वर्षीय युग में प्रवेश कर चुका है
पहले जैसे ही इस नई पीबी में 25 सदस्य है. सात पीबीएससी सदस्यों के अलावा शी जिनपिंग को अन्य पीबी सदस्यों का भी बहुमत प्राप्त है. इनमे से कम से कम 12 लम्बे समय से शी जिनपिंग के वफादार है. इसमें दोनों उपाध्यक्ष शामिल नही है जो लम्बे समय से शी जिनपिंग के साथ काम कर चुके है और उनके बेहद करीबी है. इनमे से कई सदस्य केंद्र पार्टी से जुड़े संगठनों के प्रमुख का पद प्राप्त करने कि ओर अग्रसर है.
सीसीपी सीसी सचिवालय भी उतना ही महत्वपूर्ण है. पिछले पांच वर्षों में शी जिनपिंग के कार्यकाल में ये बेहद शक्तिशाली बन चुका है. यह सीधे शी जिनपिंग से मुखाबिर होता है. शी जिनपिंग ने सात सदस्यों वाले इस सीसीपी सीसी को अपने वफादार और नए लोगों से भर दिया है. वांग हनिंग इसके सबसे वरिष्ठ सदस्य है. इससे पूर्व 18वीं सीसीपी सीसी को लिऊ यूनशेन का नेतृत्व प्राप्त था जैसे अब वांग हनिंग को है. वे विचारधारा, प्रोपगेंडा से जुडी सामग्री का नियोजन और पार्टी संगठन के प्रभारी है. सचिवालय सदस्यों में से तीन व्यक्ति सेना अथवा सुरक्षा की पृष्ठभूमि रखते है. इनमे यांग शिओडू, गुओ शेंकुन, हुआंग कन्मिंग शामिल है. इससे यह ज़ाहिर होता है की पार्टी का नियंत्रण इन क्षेत्रों पर अधिक रूप से कठिन होता जायेगा.
लगभग दो सदस्यों की पृष्ठभूमि तिब्बती-मसलों से जुडी हुई है. वांग हुनिंग, नेशनल पीपल्स कांग्रेस के तिब्बत ऑटोनोमस रीजन (टार) प्रतिनिधि के सदस्य रह चुके है. यांग शिओडू ‘सेंट डाउन यूथ इन कल्चरल रेवोलुशन’ और कुछ समय पहले तक टार के निगरानी मंत्री (1976-2001) रह चुके है. गुओ शेंगकुन जो बतौर जन-सुरक्षा मंत्री कार्यरत रहे, तिब्बत में लघु-कार्य समूह से जुड़ी सभाओ में उपस्थित रहे है.
हुआंग कुनमिंग, एक अन्य सदस्य है जिन्होंने पीएलए में अपनी सेवाएं दी है. जैसी कि उम्मीद थी, टार पार्टी के सचिव वू यिंगजी को 19वीं सीसी में पूर्ण सदस्य के तौर पर बढ़ोतरी प्रदान की गयी है. इसके साथ ही इस वर्ष दो मूल-तिब्बतियों की ज्हाला (चोएड़क) एवं लुओसँग जिआनकुन (लोबसांग ज्ञाल्त्सेन), को भी पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल किया गया जो पिछले सीसी से एक ज्यादा है. नोरबू धोंदुप को सीसी के वैकल्पिक सदस्य के रूप में शामिल किया गया. सुन चुलान जो सीसीपी सीसी यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट (युएफ़डब्ल्यूडी) की प्रमुख है और तिब्बती मसलों को देखती है वे 67 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद अब भी पीबी की एकलौती महिला सदस्य है. उनकी उम्र उनको सेवा-निवृति के योग्य बनाती है.
1951 में पैदा हुए जहाँग किंगली जो टार में कठोर पार्टी सचिव होने और दलाई लामा पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के लिए मशहूर है, वे 19वीं सीसी के पूर्ण सदस्य है. जहाँग यिजिओंग, जो वर्तमान में यूएफ़डब्ल्यूडी के उप-प्रमुख और उप मंत्री है, साथ ही जिन्हें 19वीं पार्टी कांग्रेस में चीन की दलाई लामा के प्रति नई शक्तिशाली नीतियों को प्रमुखतः से सामने रखा उन्हें भी 18वीं सीसी में वैकल्पिक सदस्य से 19वीं सीसी में पूर्ण सदस्य बनाया गया है. इन सभी की तिब्बत सम्बन्धी नीतियों के निर्धारण में एक अहम भूमिका होगी.
नये सीएमसी में ऐसे कई सैन्य-सदस्य है जो शी जिनपिंग के कट्टर समर्थक है. नये सीएमसी के आकर और रचना में भी काफी बदलाव आया है. वर्तमान में इसमें केवल चार-सदस्य है और अन्य सेवाएं जैसे पीएलए वायु सेना, पीएलएनौसेना, आदि इसमें शामिल नही है. सीएमसी के दो उपाध्यक्ष, पूर्व-पीएलएफ कमांडर शु कीलीआंग एवं पीएलए जनरल जहाँग यूक्सिया, जिनपिंग के साथ लम्बे समय से जुड़े होने के कारण काफी ‘राजशाही’ है. सीएमसी के नये उपाध्यक्ष जहाँग यूक्सिया के पिता जहाँग जोंग्शुन शी जिनपिंग के पिता के साथ युद्ध में थे और वे ‘खून में भागीदार’ कहलाते थे. जहाँग यूक्सिया सीनों-वियतनाम युद्ध 1979 में साथ थे.
शु किलांग, जहाँग यूक्सिया एवं पीएलए राकेट फ़ोर्स के कमांडर वेई फेंघे का सीएमसी में मौजूद होना इस बात कि ओर इशारा करता है कि रक्षा, सैन्य-अभियान में तकनीक के आधुनिक विकास पर अधिक ध्यान केन्द्रित किया जायेगा. जनरल ली ज़ुओचेंग, सीसीएम के जॉइंट स्टाफ डिपार्टमेंट के प्रमुख और लेफ्टिनेंट जनरल जहाँग शेंग्मिन, पीएलए अनुशासन निरक्षण आयोग के प्रमुख को शामिल करने से यह भी साफ़ है की शी जिनपिंग बेहद ‘स्वच्छ’ और भ्रष्टाचार मुक्त सेना पर जोर देंगे. जहाँग शेंग्मिन, दिलचस्प रूप से पहले सेना में 52वीं, 55वीं, 56वीं सेकंड आर्टिलेरी के बेस में लानझोऊ सेना क्षेत्र में रह चुके है और 2012-13 में सेकंड आर्टिलेरी कमांड कॉलेज के राजनैतिक माह्सचिव रहे है. जनरल माओ हुआ, बतौर सीएमसी के राजनीतिक कार्य विभाग के प्रमुख, शी जिनपिंग के पार्टी को नियंत्रित करने, सेना पर निगरानी करने के साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे की चीनी सैनिक विशेषज्ञ हो सके.
सीसीपी में हुई नई नियुक्तियों से शी जिनपिंग को अपने महत्वकांक्षी एजेंडे को प्राप्त करने में काफी सहायता मिलेगी. वो बिना किसी विशेष परेशानी के ‘टू हंड्रेड’ नामक ‘चीनी सपने’ को साकार करने में सफल हो पाएंगे (2021 तक, जो संयोग से सीसीपी का शताब्दी वर्ष भी है.) और चीन को आधुनिक रूप से विकसित देश बनाने में भी सफल होंगे( 2049 या पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना (पीआरसी) के शताब्दी वर्ष तक.) इसके साथ ही यह सम्भावना भी बढती है की वे अपना कार्यकाल बढ़ा लेंगे.
19वीं पार्टी कांग्रेस की कुछ विशेषताएं भी रही. पार्टी, चीन और सेना का उल्लेख अनेक बार बेल्ट और रोड के विशेष सन्दर्भ में जिनपिंग की कार्य रिपोर्ट में किया गया था. वहीँ अर्थव्यवस्था, बदलाव और विकास का जिक्र बेहद सीमित था. शी जिनपिंग ने पहली बार चीन के दूसरे और विकास के आखिरी पड़ाव का जिक्र किया और पीएलए को विश्व-स्तरीय सेना बनाने की बात भी कही. इस वर्ष की रिपोर्ट में ‘पीएलए’ और ‘सेना’ शब्द का उपयोग, अनेक स्थानों पर विशेष सन्दर्भ के साथ किया गया था, जो 17वीं और 18वीं कांग्रेस की रिपोर्ट में इस्तेमाल होने वाली संख्या का दुगना है.
शी जिनपिंग की 19वीं कांग्रेस की कार्य रिपोर्ट में 86 बार इसका जिक्र था. वहीँ 18वीं और 17वीं पार्टी कांग्रेस की रिपोर्ट में इसका 49 और 54 बार क्रमशः जिक्र किया गया था. शी जिनपिंग ने इस बात का ऐलान भी किया की सेना का केंद्र ‘चीनी सपना’ होगा, जिसके लिए इन्हें हर नई परिस्थिति में नई रणनीति बनानी होगी. जबकि रक्षा एवं सैन्य-आधुनिकरण को बढ़ावा दिया जायेगा. उन्होंने यह साफ़ करते हुए कहा की 2020 तक मशीनीकरण के लक्ष्य को पूरा कर लिया जायेगा और 2035 तक राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सेना का आधुनिकरण भी हो जायेगा. जिनपिंग कहते है “सेना ने एक लम्बा फासला तय किया है और काफी सुधार भी किया है”. उन्होंने तकनीक को पीएलए की युद्ध-निति का अहम भाग बताया.
शी जिनपिंग कहते है की उनका मकसद पीएलए को एक विश्व-स्तरीय सेना बनाने का है जो 2050 तक लड़ कर जीतने में माहिरता हाँसिल कर सके. इसी समयावधि में चीन का बीआरआई भी पूरा होना तय हुआ है जिससे चीन एक अहम वैश्विक प्रभाव कायम क्र लेगा. जिनपिंग ने जोर देते हुए पीएलए को पीपल्स आर्मी, यानी लोगों की सेना, कहा.
हांगकांग, मकाउ और ताइवान पर कुछ नीतियों में कोई बदलाव नही होगा. ताईवान के सन्दर्भ में जिनपिंग कहते है “ हमें ताइवान की आजादी के लिए किये जा रहे अलगाववादी प्रयासों को आत्मविश्वास और प्रयासों के साथ रोकना होगा. हम कभी भी, किसी भी संगठन, राजनैतिक दल को किसी भी प्रकार से चीनी क्षेत्र को चीन से अलग करने का प्रयास नही करने देंगे.” उन्होंने कहा की “सीसीपी चीन की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता को बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध है और हम देश के विभाजन कि ऐतिहासिक गलती को दोबारा नही होने देंगे”.
कार्य रिपोर्ट में “ पार्टी के नेतृत्व का देश के प्रत्येक क्षेत्र से जुड़े कार्यों में प्रयोग करने’ पर बेहद जोर दिया गया था जिससे साफ़ है की पार्टी का विस्तार होगा और विचारधारा इसमें सबसे ऊपर होगी. शी जिनपिंग ने भी इस बात पर जोर दिया की ‘पार्टी के नेतृत्व और नीव को मजबूत बनाने के लिए’ काफी ‘प्रयास किये गये है’ और ‘पश्च्य लोकतंत्र’ पर कोई टिपण्णी नही दर्ज कि. पिछली आठ कांग्रेस कि कार्य रिपोर्ट की तुलना में इस बार 331 बार विशेष सन्दर्भ में ‘पार्टी’ शब्द का इस्तेमाल हुआ है, जो कि कहीं अधिक है.
आख़िरकार जिनपिंग ने अपने पास पद और शक्ति के मामले में कोई कमीपेशी नही रखी. पीबी की अक्टूबर 27 को पहली सभा में जारी आधिकारिक अधिसूचना में शी जिनपिंग को औपचारिक तौर पर सत्ताधारी वामपंथी पार्टी के नेता ‘लिंग्श्यु’ के तौर पर स्वीकृत कर लिया गया (लिंग्शियु – नेता के लिए आम तौर पर चीनी में प्रयोग होने वाले शब्द ‘लिंगाडो’, ‘लिंगजी’, से भिन्न है). साथ ही इस बारे में सभी को सूचित कर दिया गया है की सभी पीबी सदस्य अपने तहत आने वाले संघठनों और कैडरों की जांच करेंगे और उनकी एक वार्षिक रिपोर्ट भी जारी करेंगे जो न केवल सम्बंधित केंद्र पार्टी संगठन को जाएगी बल्कि पार्टी के महासचिव शी जिनपिंग के पास भी जाएगी. उन्होंने पहले ही यह घोषणा कर दी है कि भ्रष्टाचार-विरोधी अभियान अभी भी जारी रहेगा. उन्होंने अपने लंबे समय से अपने करीबी रहे झाओ लेजी को केंद्रीय अनुशासन एवं निरक्षण कमिटी का प्रमुख बनाया है जो पीबीएससी के सदस्य भी है.
25 अक्टूबर 2017 को सरकारी-आधिपत्य वाले ‘ग्लोबल टाइम्स’ के माध्यम से यह भी सामने आया है कि चीन को 2050 तक एक आधुनिक समाजवादी देश के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य जिनपिंग द्वारा साधा गया है. यह कहते हुए कि “कई पश्चिमी लोगों को चीन का यह आत्मविश्वास चुनौतीपूर्ण लग सकता है”, वे कहते है कि “यही उनके लिए मौका है और इन लोगों को चीन के लिए अपना दिल खोलना चाहिए.” इस बात को भी मजबूती से रखा गया कि चीन केवल एक आधुनिक सेना वाला मजबूत देश नही होगा, बल्कि एक ऐसा देश बनेगा जो शांति, पर्यावरण का संतुलन बनाये रखने और लोकतंत्र को प्राप्त करने के प्रति अग्रसर होगा. ‘यह आधुनिक देश अपने देशवासियों के लिए प्रतिबद्ध होना पसंद करेगा बजाये इसके कि वे पूरे विश्व में अर्थव्यवस्था का नायकत्व स्थापित करने हेतु बदला लेने में जुटे रहे’.
साथ ही उन्होंने ये चेतावनी भी दी, “चीन इस नये समाजवादिकरण के दौरान किसी प्रकार की बाधा को सहन नही करेगा”, “अगर किसी भी कारणवश, किसी बाह्य ताकत ने चीन के शांतिपूर्ण विकास में खलल डालने की कोशिश की तो चीन उसका मुहँ-तोड़ जवाब देगा और यदि जरूरत पड़ी तो अपनी पूरी क्षमता से उस बाह्य ताकत पर आघात करेगा, जाहिर है इससे 2050 तक के लिए तय किये लक्ष्य पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.” साथ ही उसने यह भी कहा “जब चीनी अधिरोहण पूरा होगा, वह पल इंसानियत के लिए बेहद खास होगा. विकास का यह ऐसा रूप होगा जो जंगल के कानून से बिल्कुल परे होगा. एक शक्तिशाली और शांतिपूर्ण देश के रूप में वृद्धि करने का यह निश्चय हमेशा दृढ रहेगा. इसी संदर्भ में अक्टूबर 2013 में पेरिफेरल डेमोक्रेसी (परिधीय लोकतंत्र) पर हुई एक संगोष्ठी में एक प्रस्ताव पारित हुआ था जिसके तहत जो भी देश चीन के विरुद्ध जायेगा उसे लगातार गंभीर दबाव एवं विरोध का सामना करना होगा.
अतः 19वीं पार्टी कांग्रेस में कुछ सन्देश बेहद साफ़ तौर पर दिए गये है:
• चीन के सभी मामलों में पार्टी का नेतृत्व हावी रहेगा चाहे वह अर्थव्यवस्था से जुड़ा कोई मसला हो, रक्षा अथवा समाज.
• चीन इस बात को लेकर बेहद आत्मविश्ववासी है कि वह शी जिनपिंग द्वारा लक्षित किये गये विकास को 2020-2035 तक पूरा कर लेगा जिसमें चीन को वैश्विक स्तर पर आधुनिक तकनीक से प्रबल एवं विकसित देशों की सूची में शामिल करना और 2035-50 तक वह ‘वैश्विक प्रभाव’ वाला एक विकसित देश बनाना शामिल है.
• पश्च्य लोकतंत्र की अवधारणा के विरुद्ध ‘‘नये दौर में चीनी विशेषताओं से परिपूर्ण शी जिनपिंग के समाजवाद पर विचार’ एक विकल्प है.
• बीआरआई को पार्टी संविधान में सम्मिलित कर उन्होंने अब इसे राष्ट्रीय विकास उद्देश्य बना दिया है और इसका विरोध करने वालों के प्रति 25 अक्टूबर को ग्लोबल टाइम्स के जरिये चेतावनी भी दे दी गयी है जिससे इसका महत्त्व बढ़ जाता है.
(लेखक कैबिनेट सचिवालय में पूर्व-अपर सचिव है और वर्तमान में सेंटर फॉर चाइना एनालिसिस एंड स्ट्रेटेजी के अध्यक्ष है. ये उनके निजी विचार है)
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