एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) का शिखर सम्मेलन 20 नवम्बर को मलयेशिया में किया गया। इस फोरम के कुल 21 सदस्य हैं। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते हुए वर्चुअल सम्मेलन की अध्यक्षता मेजबान देश मलयेशिया ने की। एशिया-प्रशांत अर्थव्यवस्थाओं की बढ़ती अंतर-निर्भरता को देखते हुए और दुनिया के अन्य हिस्सों में क्षेत्रीय कारोबारी समझौतों की बढ़ती तादादों को देखते हुए 1989 में पैसिफिक-रिम (प्रशांत क्षेत्र) के इस फोरम का प्रारम्भ किया गया।1 इसका मकसद यूरोप के बाहर कृषि उत्पादों और कच्चे मालों के लिए नये बाजारों की स्थापना करना था। इसका मुख्यालय सिंगापुर में है। एपीईसी को शीर्षस्तरीय बहुपक्षीय ब्लॉकों में से एक है और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे पुराना फोरम है और यह वैश्विक दखल रखता है।
एपीईसी आर्थिक नेताओं की वार्षिक बैठक में एपीईसी के सभी सदस्य देशों के शासनाध्यक्ष भाग लेते हैं। इसमें मंत्रिस्तरीय अधिकारी चाइनीज ताइपेइ के अंतर्गत शरीक होते हैं। यह बैठक सदस्य देशों के बीच हर साल बारी-बारी से होती रहती है।2 पैसिफिक आइसलैंड फोरम सेक्रेटेरियट, दि पैसिफिक इकोनोमिक कोऑपरेशन परिषद और आसियान सेक्रेटेरियट नाम से इसके तीन पर्यवेक्षक हैं।
एपीईसी के 21 सदस्य देश मिला कर विश्व की 40 फीसद आबादी का, विश्व के 48 फीसद कारोबारों का और दुनिया के कुल सकल उत्पाद दर (जीडीपी) की 60 फीसद का प्रतिनिधित्व करते हैं। वियतनाम ने अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ मिल कर एक शांतिपूर्ण, स्थिर, गत्यात्मक, रचनात्मक, संसक्त और समृद्ध एशिया-प्रशांत समुदाय के लिए एक कार्यनीतिक दृष्टिकोण विकसित करने का काम किया है।3 महामारी के कारण 2020 की पहली छमाही में एपीईसी की वृद्धि दर नकारात्मक रही है, ऐसा विगत 30 सालों में पहली बार हुआ है।4
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विगत 3 नवम्बर को राष्ट्रपति चुनाव में कामयाबी न मिलने से थोड़ा खिन्न मन से ही, पूरे तीन साल बाद पहली बार इस वर्चुअल बैठक में भाग लिया। इसके पहले वे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जो, उनके मुताबिक, इस फोरम का उपयोग अमेरिकी संरक्षणवाद का प्रतिरोध करने में करते रहे हैं, उनका प्रतिवाद करने के लिए बैठक का बहिष्कार करते थे।5 एपीईसी शिखर सम्मेलन के पहले, चीन ने क्षेत्रीय समग्र इकोनोमिक सहयोग (आऱसीईपी) के भारी-भरकम व्यापार समझौते पर हनोई में 15 सदस्य देशों द्वारा दस्तखत करा कर एक बड़ी बढ़त ले ली। चीन-निर्देशित पहल के रूप में दिखते हुए चीन ट्रंप के राष्ट्रपतित्वकाल में बहुपक्षीय निकायों से अमेरिका के हटने के बाद चीन अपनी बीआरआइ परियोजनाओं के जरिये अपने आर्थिक, रणनीतिक और सैन्य प्रभावों का पूरे विश्व में विस्तार करने में उत्साहित महसूस करेगा। जैसा कि प्रत्याशित था, शिखर सम्मेलन की घोषणा में आर्थिक हालात पर पड़े दुष्प्रभावों को समाप्त करने और बहुपक्षीय कारोबार व्यवस्था को मजबूत करने के संसाधनों की मांग के अलावा, लोगों की सेहत सुधारने पर जोर दिया गया था।
एपीईसी की आधिकारिक थीम थी “ऑप्टमाइजिंग ह्यूमैन पोटेंशियल टुवार्डस ए रिजिलेंट फ्यचर ऑफ शेयर्ड प्रॉस्पीरिटी : पिवट, प्राइरोरिटीज, प्रोग्रेस”। इसके साथ, कारोबार और निवेश में सुधार, प्रौद्योगिकी के जरिये समावेशी डिजिटल इकोनोमी का सृजन करना, और रचनात्मक सातत्यता को बढ़ावा देना-ये तीन प्राथमिकताएं तय की गईं।
एपीईसी के लिए 2020 एक महत्वपूर्ण वर्ष था, इसलिए कि इसने 1994 में मुक्त व्यापार और निवेश के लिए तय किये गये बोगोर गोल्स6 को पाने के कामकाज के 25 साल पूरे कर लिए। इसलिए, यह दीर्घावधि के सहयोग कार्यक्रमों की समीक्षा करने और 2020 के उत्तरार्द्ध के लिए एपीईसी के दृष्टिकोण के निर्माण का भी अवसर था। एपीईसी में 1998 से ही शामिल होने और इसके पहले शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के कारण वियतनाम ने बोगोर गोल्स को बढ़ावा देने और उनके क्रियान्वयन में विशिष्ट भूमिका निभाई है, उसके सीधे प्रभावों ने जल्द ही अपने परिणाम दिखाने शुरू कर दिये हैं।
वियतनाम, 2020 के लिए आसियान का अध्यक्ष है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद7 का अ-स्थाई सदस्य है, वह इस साल एपीईसी की मेजबानी कर रहे देश मलयेशिया को अपना समर्थन दे रहा था और फोरम के अन्य सदस्य देशों के साथ समन्वय कर यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा था कि महामारी के बावजूद सहयोग की त्वरा बरकरार रहे और कि, एपीईसी की सभी बैठकें एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर सहयोग की भावना को सुदृढ़ करेगा।8 वियतनाम एपीईसी की बैठकों और सम्मेलनों का आयोजन करता रहा है और उनमें सक्रियता से भाग लेता रहा है-ऑनलाइन और व्यक्तिगत दोनों रूपों में। उसने मंत्रिस्तरीय नौ अवसरों जैसे, पर्यटन बैठक, व्यापार मंत्रियों की बैठक, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर उच्चस्तरीय बैठक, खाद्यान्न सुरक्षा पर शीर्ष स्तरीय नीति-संवाद बैठक में भी हिस्सा लिया है। एपीईसी विजन ग्रुप (एवीजी) के उपाध्यक्ष होने के नाते) वियतनाम ने एपीईसी के अहम दस्तावेजों जैसे, उत्तरार्द्ध 2020 के बारे में एपीईसी का दृष्टिकोण, उत्तरार्द्ध 2020 के लिए ऊर्जा दृष्टिकोण, और 2021 से लेकर 2025 तक के लिए एपीईसी संरचनागत सुधार कार्यक्रम9 के प्रारूप बनाने में काफी मदद की है। बोगोर गोल्स की प्रगति रिपोर्टस, गुणवत्ता संवृद्धि सशक्तिकरण के लिए एपीईसी की रणनीति, और 2015 से 2025 तक के लिए कनेक्टिविटी मास्टर प्लान की मध्यावधि समीक्षा में वियतनाम के शामिल किया गया है।10
एपीईसी का 2018 में पापुआ न्यू गुनिया में हुआ 30वां शिखर सम्मेलन अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध के चलते संयुक्त वक्ततव्य जारी करने में फेल हो गया था। चिली में 16-17 नवम्बर, 2019 को होने वाला 31वां शिखर सम्मेलन मेजबान देश में अशांति के कारण11 स्थगित हो गया था और इसलिए कोई वक्तव्य जारी किये जाने का कोई सवाल ही नहीं था।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अविचलित रहे जबकि अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में चल रहे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप जो पहले ही चुनाव हार चुके थे और विंटर सीजन में अपने दफ्तर से शिखर सम्मेलन में भाग लेते हुए उस परम्परा को तोड़ दिया, जिसमें वे प्रतिनिधि के जरिये अपने भाषण पढवा दिया करते थे। उन्होंने यह काम तब किया जबकि वे चुनाव में विजयी रहे अपने प्रतिद्वंद्वी जोए बाइडेन के विरुद्ध कानूनी चुनौतियों की तैयारी में लगे थे।12 आश्चर्यजनक रूप से, वे बहुपक्षीय व्यापार समझौतों जैसे ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप (टीपीपी) और यहां तक कि डब्ल्यूटीओ13 से बाहर आ जाने की धमकी देने और आरसीईपी से बाहर रहने के बाद भी, ट्रंप ने मुक्त व्यापार के पक्ष में तेज स्वरों में हिमायत की :"यह महत्वपूर्ण है कि एशिया-प्रशांत को शांति और स्थिरता की रक्षा करने, बहुपक्षवाद को बनाए रखने, और खुली वैश्विक अर्थव्यवस्था को पोषण करने की कसौटी बने रहना चाहिए।" उनके इस अपूर्व मत-परिवर्तन ने उनकी तबाही मचा देने वाली विश्व व्यापार नीति14 की पोल खोल दी। उन्होंने आगे टिप्पणी की कि “मुक्त और खुला व्यापार तथा निवेश के लक्ष्यों को रातोंरात नहीं हासिल किया जा सकता।" उनकी इस टिप्पणी पर राजधनियों में त्योरियां चढ़ गईं, जहां बीजिंग को राजनयिक झगड़ों के बीच कारोबार का रास्ता रोकने और अपनी बेशुमार आर्थिक क्षमता को एक कमजोर प्रतिपक्षियों के खिलाफ इस्तेमाल करते हुए उसे धौंस दिखाने का जिम्मेदार ठहराया जाता रहा था।
एक विशालकाय क्षेत्रीय मुक्त व्यापार समझौते टीपीपी से चीन को बाहर रखा गया था, जो कि बराक ओबामा के शासनकाल में चैम्पियन हुआ करता था। लेकिन ट्रंप ने उसको त्याग दिया था और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने काम्प्रेहेन्सिव एंड प्रोग्रेसिव एग्रीमेंट फॉर ट्रांस-पैसेफिक पार्टनरशिप (सीएटीपीपी) के रूप में उसे पुनर्जीवित कर दिया था, चीन ने इसमें शामिल होने की इच्छा जताई थी। अगर यह होता तो फिर चीन का वैश्विक प्रभाव-विस्तार और भी सशक्त हो कर सुदृढ़ हो गया होता। आरसीईपी को चीन द्वारा एक बड़े तख्तापलट के रूप में देखा जा रहा है और यह वैश्विक वाणिज्य के लिए बीजिंग द्वारा भविष्य का एजेंडा तय करने का प्रमाण है, क्योंकि वाशिंगटन अब पीछे हट गया है।15
तो कुआलालम्पुर में हुए एपीईसी शिखर सम्मेलन का नतीजा क्या रहा? इस समय फोरम ने एक संयुक्त वक्तव्य में, जो पिछले दो सम्मेलनों में जारी नहीं हो सका था, अपने सदस्य देशों से आह्वान किया कि वे महामारी से निबटने के लिए एक साथ काम करें। बयान जारी करने पर राजी होना भी 2018 के पूर्ववर्ती शिखर सम्मेलन की तुलना में एक प्रगति ही कही जाएगी क्योंकि तब व्यापार को लेकर अमेरिका और चीन में बढ़ते तनावों के कारण संयुक्त वक्तव्य जारी करने के लिए मतभेद दूर नहीं किया जा सका था।
तो नेताओं ने क्या हासिल किया? उन्होंने मुक्त एवं खुले कारोबार के लिए संयुक्त रूप से आह्वान किया, जो कोरोना वायरस से आई महामारी से निपटने में वैश्विक अर्थव्यवस्था मदद कर सकें। मलयेशिया के प्रधानमंत्री मुहयिद्दीन यासीन ने टिप्पणी की कि “व्यापार युद्ध (अमेरिका-चीन के बीच) के प्रभाव को कोविड-19 महामारी द्वारा ग्रसित कर लिया गया है।”.16 एपीईसी ने यह अपील की कि “पश्चअनुगमन से दूर रहा जाए और बाजारों तथा सीमाओं को खोले रखने के लिए संरक्षणवादी उपायों को फिर से लागू किया जाए”। संयुक्त वक्तव्य में “संकट के दौरान संवृद्धि” के लिए “मुक्त खुले, निष्पक्ष, भेदभाव रहित, पारदर्शी और संभावनाशील व्यापार और निवेश के वातावरण के महत्व” पर जोर दिया गया।17 शिखर सम्मेलन में ट्रंप ने प्रेरित किया, जो कोविड-19 के लिए चीन पर प्राय: हमलावर रहे हैं और चीन को एक अपने एक रणनीतिक प्रतिद्वंदी के रूप में देखते हैं तथा चीनी वस्तुओं पर बिलियंस डॉलर कर लाद दिए हैं, वे अब अपने व्यवहार में थोड़े लचीले दिखे। एपीईसी शिखर की सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपलब्धि एपीईसी नेताओं द्वारा APEC Putrajaya Vision 2040 की पहल है।18, यह “मुक्त व्यापार को प्रशस्त करेगा, जो अगले दो दशकों के लिए फोरम का एजेंडा है।”
हालांकि अगर पूर्ववर्ती शिखर सम्मेलनों और उनके हासिल परिणामों का वस्तुनिष्ठ विश्लेषण किया जाए तो किसी को भी मालूम पड़ेगा कि इन शिखर सम्मेलनों में लगभग दो दर्जन नेताओं की बैठकें क्षेत्र के आर्थिक और सुरक्षा हितों की गारंटी देने वाले एक परिणामोन्मुखी फोरम बनने के बजाय गपशप की दुकानें ज्यादा लगी हैं। बिना किसी एकल फोकस के एपीईसी बहुतायत में बने क्षेत्रीय संस्थाओं का एक और संस्करण है। उसका बने रहना या न बने रहना किसी क्षेत्रीय मामले पर कोई असर नहीं डालता है क्योंकि कई सारे क्षेत्रीय संगठन हैं, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र के ज्वलंत मामलों का निष्पादन करते हैं। इसी कारण से संभव है कि भारत जो एपीईसी का सदस्य बनने को पहले इच्छुक था, अब उसकी इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है।
Translated by Dr Vijay Kumar Sharma (Original Article in English) [13]
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[1] https://www.vifindia.org/article/hindi/2020/december/29/apec-saarthak-kshetreey-phoram-ke-bajae-koree-gappabaajee
[2] https://www.vifindia.org/author/prof-rajaram-panda
[3] https://vovworld.vn/enUS/current-affairs/vietnamworks-toward-post2020-visionof-apec-924081.vov
[4] http://www3.nhk.or.jp/nhkworld/e
[5] https://news.yahoo.com/trumpjoins-apec-summit-china153418360.html
[6] https://www.apec.org/AboutUs/About-APEC/FactSheets/Bogor%20Goals.aspx
[7] https://vovworld.vn/en-US/current-affairs/vietnam-works-toward-post2020-vision-of-apec-924081.vov
[8] https://www.kmov.com/news/tru
[9] https://www.channelnewsasia.com/news/world/trump-joins-apec-summit-china-13605520?cid=emarsys-cna_20201121_0000_CNA+Morning+Brief+Mon+to+Sat+%280740%29_newsletter_211120
[10] https://in.reuters.com/article/us-apec-summit-idINKBN2800ES
[11] https://au.news.yahoo.com/trump
[12] https://www.msn.com/en-my/news/national/apec-putrajaya-vision-2040-full-text/ar-BB1bcQKg
[13] https://www.vifindia.org/article/2020/december/02/apec-more-of-a-talking-shop-than-a-meaningful-regional-forum
[14] https://wpassets.adda247.com/wp-content/uploads/multisite/sites/5/2020/11/24080007/419017-1536x1016.jpg
[15] http://www.facebook.com/sharer.php?title=एपीईसी सार्थक क्षेत्रीय फोरम के बजाए कोरी गप्पबाजी।&desc=&images=https://www.vifindia.org/sites/default/files/419017-1536x1016_0.jpg&u=https://www.vifindia.org/article/hindi/2020/december/29/apec-saarthak-kshetreey-phoram-ke-bajae-koree-gappabaajee
[16] http://twitter.com/share?text=एपीईसी सार्थक क्षेत्रीय फोरम के बजाए कोरी गप्पबाजी।&url=https://www.vifindia.org/article/hindi/2020/december/29/apec-saarthak-kshetreey-phoram-ke-bajae-koree-gappabaajee&via=Azure Power
[17] whatsapp://send?text=https://www.vifindia.org/article/hindi/2020/december/29/apec-saarthak-kshetreey-phoram-ke-bajae-koree-gappabaajee
[18] https://telegram.me/share/url?text=एपीईसी सार्थक क्षेत्रीय फोरम के बजाए कोरी गप्पबाजी।&url=https://www.vifindia.org/article/hindi/2020/december/29/apec-saarthak-kshetreey-phoram-ke-bajae-koree-gappabaajee