उज्बेक सरकार ने रूस के नेतृत्व वाले यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन (ईएईयू) में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त करने के लिए आवेदन करने की योजना 6 मार्च को मंजूर कर ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चर्चा के लिए यह प्रस्ताव ओली मजलिस (उज्बेकिस्तान की संसद) के पास भेज दिया।11 यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन की सदस्यता का प्रस्ताव ईएईयू के साथ सहयोग के विश्लेषणात्मक और व्यापक आकलन के नतीजों पर आधारित था। यह आकलन आर्थिक एकीकरण के मुद्दे पर उज्बेक राष्ट्रपति द्वारा गठित कार्य समूह ने किया था। संसद में उज्बेक राष्ट्रपति के संदेश में कहा गया कि ईएईयू में दाखिल होते समय जनता के समर्थन और उसके हितों को सबसे ऊपर रखा जाएगा।22 लेकिन इस बात पर अब भी अनिश्चितता है कि उज्बेकिस्तान ईएईयू की पूर्ण सदस्यता चुनेगा या नहीं।
जनवरी में राष्ट्र के नाम अपने संदेश में उज्बेक राष्ट्रपति ने कहा था कि देश का अंतरराष्ट्रीय आर्थिक एकीकरण अपरिहार्य है। उन्होंने यह भी कहा था कि उज्बेकिस्तान का अधिकतर अंतरराष्ट्रीय व्यापार रूस, कजाखस्तान और किर्गिजिस्तान के रास्ते होता है तथा देश का लगभग 50 प्रतिशत विनिर्मित निर्यात इन्हीं देशों को किया जाता है।33
ईएईयू का गठन तब हुआ, जब 1994 में कजाखस्तान के संस्थापक राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव ने मध्य एशिया क्षेत्रीय एकीकरण का विचार दिया। मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी में एक भाषण में उन्होंने विश्व के अन्य भागों में विकास करती अर्थव्यवस्थाओं के साथ जुड़ने और उनसे फायदा हासिल करने के लिए क्षेत्रीय आर्थिक एवं व्यापार गुट के तौर पर ‘यूरेशियन यूनियन’ की स्थापना का सुझाव भी दिया।
उज्बेकिस्तान के संस्थापक राष्ट्रपति इस्लाम करीमोव के 2016 में निधन के बाद ये कयास लगाए जाते रहे हैं कि नए राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव की अगुआई में उज्बेकिस्तान ईएईयू में शामिल हो सकता है। आखिरकार यूनियन का आधिकारिक गठन 2015 में रूसी महासंघ, कजाखस्तान और बेलारूस ने किया तथा उसमें किर्गिजिस्तान एवं अमेरिका भी शामिल हुए।
इस क्षेत्रीय गुट में मोलदोवा भी पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल है। रूस एक अरसे से उज्बेकिस्तान को ईएईयू में शामिल होने के लिए मना रहा है मगर मगर इस्लाम करीमोव की अलग-थलग रहने की नीतियों ने ऐसा नहीं होने दिया। करीमोव के निधन और उज्बेकिस्तान में शौकत मिर्जियोयेव के नेतृत्व वाली नई सरकार आने के बाद ताशकंद क्षेत्रीय एकीकरण की राह पर बढ़ रहा है।44
मिर्जियोयेव के अधीन उज्बेकिस्तान के रूस के साथ गर्मजोशी भरे और दोस्ताना रिश्ते हैं। करीब 3.5 करोड़ की आबादी वाला उज्बेकिस्तान यदि ईएईयू में शामिल हो जाता है तो रूस के बाद शायद यह यूरेशियाई क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बन सकता है।55
पहला कारण यह है कि उज्बेकिस्तान अपने उत्पादों के निर्यात के लिए बाजार तलाश रहा है और उसके अधिकतर व्यापार साझेदार ईएईयू के सदस्य हैं। पिछले तीन साल में ईएईयू देशों के साथ उज्बेकिस्तान के व्यापार की मात्रा 60 प्रतिशत बढ़ गई है। कहा जा रहा है कि ये आंकड़े अभी और बढ़ेंगे। दूसरी बात, बड़े बाजार के हिस्से के रूप में उज्बेकिस्तान उन निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक हो जाएगा, जो उसे दूसरे ईएईयू देशों के बाजारों में दाखिल होने का रास्ता मानते हैं। तीसरी वजह, ईएईयू देशों के रास्ते परिवहन पर ताशकंद का खर्च कम हो जाएगा। अभी उसका 80 प्रतिशत निर्यात इन्हीं देशों के जरिये होता है। अनुमान हैं कि 22 करोड़ डॉलर बच सकेंगे और माल भेजने की उसकी क्षमता 70 लाख टन से बढ़कर 1.6 लाख टन हो सकती है। इसके अलावा ईएईयू की सदस्यता से ईएईयू देशों (मुख्य रूप से रूस और कजाखस्तान) में काम कर रहे 23 लाख उज्बेक प्रवासियों को बड़ी राहत मिल जाएगी। साथ ही हजारों टन कच्चे तेल की कीमत भी कम हो सकती है, जिसे उज्बेकिस्तान हर साल ईएईयू देशों से आयात करता है।66
लेकिन ताशकंद के ईएईयू में शामिल होने के बारे में कुछ आशंकाएं भी हैं और उज्बेकिस्तान के बुद्धिजीवियों में आशंकाएं अधिक हैं। उन्हें डर है कि रूस के दबदबे वाले ईएईयू का पूर्ण सदस्य बनने पर उज्बेकिस्तान के बारे में दुनिया की धारणा बदल सकती है। फरवरी 2020 में जब अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ उज्बेकिस्तान गए थे तो अमेरिका ने इस बारे में चिंता जताई थी। यदि उज्बेकिस्तान ईएईयू का सदस्य बन जाता है तो उज्बेकिस्तान के साथ अमेरिका के आर्थिक रिश्तों की संभावनाएं कम हो जाएंगी। इतना ही नहीं, इससे मध्य एशिया में अमेरिका के मुकाबले रूस को अधिक भूराजनीतिक फायदा होगा। उज्बेकिस्तान को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में पर्यवेक्षक का दर्जा हासिल है और वह पूर्ण सदस्यता के लिए भी कोशिश कर रहा है। ईएईयू में शामिल होने पर उज्बेकिस्तान को डब्ल्यूटीओ का सदस्य बनने में मुश्किल होगी। इसे ध्यान में रखते हुए उज्बेकिस्तान को ईएईयू का पर्यवेक्षक बनने पर सतर्क रहना पड़ेगा। लेकिन यह सब उन व्यापारिक एवं आर्थिक लाभों पर निर्भर है, जो ताशकंद को इससे संगठन के जरिये मिलेंगे और राष्ट्रपति मिर्जियोयेव आखिर में यही सब देखकर ईएईयू की पूर्ण सदस्यता के बारे में फैसला करेंगे।
कजाखस्तान के बाद उज्बेकिस्तान ही मध्य एशिया में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार एवं आर्थिक साझेदार है। 2019 में भारत और उज्बेकिस्तान के बीच लगभग 32.814 करोड़ डॉलर का अनुमानित व्यापार हुआ था, जो भारत के कुल व्यापार का 0.04 प्रतिशत है।77 दोनों देशों के बीच व्यापार की मात्रा कम होने के पीछे मुख्य कारण सीधे संपर्क की कमी है। भारत चाबहार बंदरगाह एवं अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण गलियारे जैसी मल्टीमोडल संपर्क परियेाजनाओं में निवेश कर इस खाई को पाटने की कोशिश करता आ रहा है। भारत जल्द ही ईएईयू के साथ तरजीही व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में भी है। इससे यूरेशियाई क्षेत्र के साथ भारत के आर्थिक संपर्क में बहुत बढ़ोतरी हो जाएगी। उज्बेकिस्तान ईएईयू का पर्यवेक्षक बना तो मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार बढ़ाने के भारत के सामूहिक प्रयासों को निश्चित रूप से बल मिलेगा। रूस ताजिकिस्तान को भी ईएईयू में शामिल होने के लिए मना रहा है और यदि ऐसा हुआ तो यूरेशियाई एकीकरण की संभावनाएं बहुत बढ़ जाएंगी।
Links:
[1] https://www.vifindia.org/article/hindi/2020/april/03/uzbekistan-banga-eurasian-economic-union
[2] https://www.vifindia.org/author/Pravesh-Kumar-Gupta
[3] https://24.kg/english/145846_Uzbekistan_to_join_EAEU_as_an_observer/
[4] https://uza.uz/ru/society/obsuzhdeny-voprosy-sotrudnichestva-uzbekistana-i-evroaziatsk-06-03-2020
[5] https://ednews.net/en/news/economy/420234-uzbekistan-to-join-eaeu-as-observer
[6] https://www.russia-briefing.com/news/uzbekistan-commits-eaeu-observer-nation.html/
[7] https://www.euractiv.com/section/central-asia/news/uzbekistan-to-become-observer-in-russia-led-eurasian-economic-union/
[8] https://thediplomat.com/2020/03/uzbekistan-appears-to-settle-on-observing-the-eurasian-economic-union/
[9] https://commerce-app.gov.in/eidb/iecnt.asp
[10] https://www.vifindia.org/https
[11] https://i0.wp.com/www.silkroadbriefing.com/news/wp-content/uploads/2019/10/Uzbekistan-Eurasian-Economic-Union.jpg?fit=900%2C506&quality=90&strip=all&ssl=1
[12] http://www.facebook.com/sharer.php?title=उज्बेकिस्तान बनेगा यूरेशियाई आर्थिक संघ का पर्यवेक्षक&desc=&images=https://www.vifindia.org/sites/default/files/Uzbekistan-Eurasian-Economic-Union_0.jpg&u=https://www.vifindia.org/article/hindi/2020/april/03/uzbekistan-banga-eurasian-economic-union
[13] http://twitter.com/share?text=उज्बेकिस्तान बनेगा यूरेशियाई आर्थिक संघ का पर्यवेक्षक&url=https://www.vifindia.org/article/hindi/2020/april/03/uzbekistan-banga-eurasian-economic-union&via=Azure Power
[14] whatsapp://send?text=https://www.vifindia.org/article/hindi/2020/april/03/uzbekistan-banga-eurasian-economic-union
[15] https://telegram.me/share/url?text=उज्बेकिस्तान बनेगा यूरेशियाई आर्थिक संघ का पर्यवेक्षक&url=https://www.vifindia.org/article/hindi/2020/april/03/uzbekistan-banga-eurasian-economic-union